मुर्गीपालन में रोजगार के अवसर

मुर्गीपालन भारत में से 10 प्रतिशत वार्षिक औसत विकास दर के साथ कृषि क्षेत्र का तेजी के साथ विकसित हो रहा एक प्रमुख हिस्सा है। इसके परिणामस्वरूप भारत अब विश्व का तीसरा सबसे बड़ा अण्डा उत्पादक (चीन और अमरीका के बादतथा कबाब चिकन मांस का 5वां बड़ा उत्पादक देश (अमरीकाचीनब्राजील और मैक्सिको के बादहो गया है। कुक्कुट क्षेत्र का सकल राष्ट्रीय उत्पाद में करीब 33000 करोड़ रुका योगदान है और अगले पांच वर्षों में इसके करीब 60000 करोड़ रुतक पहुंचने की संभावना है। 352 अरब रुपए से अधिक के कारोबार के साथ यह क्षेत्र देश में 30 लाख से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध् कराता है तथा इसमें रोजगार के अवसरों के सृजन की व्यापक संभावनाएं हैं। पिछले चार दशकों में कुक्कुट क्षेत्र में शानदार विकास के बावजूदकुक्कुट उत्पादों की उपलब्धता तथा मांग में काफी बड़ा अंतर है। वर्तमान में प्रति व्यक्ति वार्षिक 180 अण्डों की मांग के मुकाबले 46 अण्डों की उपलब्धता है। इसी प्रकार प्रति व्यक्ति वार्षिक 11 कि.ग्रमीट की मांग के मुकाबले केवल 1.8 कि.ग्रप्रति व्यक्ति कुक्कुट मीट की उपलब्धता है। इस प्रकारघरेलू मांग को पूरा करने के वास्ते अण्डों के उत्पादन में चार गुणा तथा मीट के उत्पादन में छः गुणा किए जाने की आवश्यकता है। यदि हम घरेलू मांग के साथसाथ निर्यात बाजार में भारत के हिस्से का लेखाजोखा देखें तो देश में कुक्कुट उत्पादों के उत्पादन में व्यापक अंतर है। जनसंख्या में वृद्वि जीवनचर्या में परिवर्तनखानेपीने की आदतों में परिवर्तनतेजी से शहरीकरणप्रति व्यक्ति आय में वृद्वि स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरुकतायुवा जनसंख्या के बढ़ते आकार आदि के कारण कुक्कुट उत्पादों की मांग में जबर्दस्त वृद्वि हुई है। वर्तमान बाजार परिदृश्य में कुक्कुट उत्पाद उच्च जैविकीय मूल्य के प्राणी प्रोटीन का सबसे सस्ता उत्पाद है।

कुक्कुट उत्पादों की इस बढ़ती मांग से कुक्कुट उद्योग में विभिन्न श्रेणियों के एक करोड़ से अधिक रोजगार सृजन की आशा है।
कुक्कुट विज्ञान में रोजगार के अवसर कुक्कुट विज्ञान में रोजगार के बहुत अवसर हैं। इसमें कोई व्यक्ति अनुसन्धानशिक्षाबिजनेस,कंसलटेंटप्रबंधकप्रजनकविज्ञापककुक्कुट हाउस डिजाइनरउत्पादन प्रौद्योगिकीविद प्रोसेसिंग प्रौद्योगिकीविद्फीडिंग प्रौद्योगिकीविद्प्रौद्योगिकीविद्कुक्कुट अर्थशास्त्री आदि का विकल्प चुन सकते हैं और इसके अलावा भी बहुत से अवसर हैं जो कि व्यक्ति विशेष की अभिरुचि तथा योग्यता पर निर्भर करता है। कुक्कुट विशेषज्ञ बनने तथा विशेषीकृत रोजगार हासिल करने के इच्छुक व्यक्तियों को सबसे पहले बी.वी.एससएवं ए.एचकी पढ़ाई (पशुचिकित्सा विज्ञान और पशुपालन में स्नातकपूरी करनी होती है। बी.वी.एसस.एवं ए.एचका अध्ययन करने के लिए न्यूनतम योग्यता भौतिकीरसायन विज्ञान और जीव विज्ञान (पीसीबीमें 10+2 है। स्नातक डिग्री पूरी करने के उपरांत कोई व्यक्ति कुक्कुट विषयक्षेत्रों में विशेषज्ञ बनने के लिए एम.एससी. (पशुचिकित्सा विज्ञान में मास्टरका स्नातकोत्तर कार्यक्रम तथा संबद्व विषय में पीएचडीकर सकता है।

कुक्कुट विज्ञान में स्नातकोत्तर/पीएच.पाठ्यक्रम संचालित करने वाले विश्वविद्यालयों/संस्थानों की सूची

1. आणंद कृषि विश्वविद्यालय आणंदगुजरात

2. असम कृषि विश्वविद्यालय खानपाड़ा

3. भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान/केंद्रीय पक्षी इज्जतनगरउत्तर प्रदेश अनुसंधान संस्थान

4. जेकेकृषि विश्वविद्यालय जबलपुरमध्य प्रदेश

5. कर्नाटक पशुचिकित्सा एवं पशु पालन विश्वविद्यालय बंगलौर और बीदर

6. केरल कृषि विश्वविद्यालय मानुथी

7. महाराष्ट्र पशु एवं मात्स्यिकी विज्ञान विश्वविद्यालय नागपुरअकोलामुंबई और परभणी

8. उड़ीसा कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भुवनेश्वर

9. श्री वेंकटेश्वर पशुचिकित्सा एवं मात्स्यिकी तिरुपति तथा हैदराबाद विश्वविद्यालय

10. तमिलनाडु पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान चेन्नै और नामाखल विश्वविद्यालय

11. .प्रपंडित दीन दयाल उपाध्याय पशुचिकित्सा विज्ञान मथुरा विश्वविद्यालय एवं गौ अनुसंधान अनुष्ठान

12. राजीव गाँधी पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान पुदुच्चेरी महा विद्यालय

हालांकि कुक्कुट उद्योग में सामान्य प्रकार के रोजगारों के लिएजैसे कि फार्म मैनेजरसेल्स मैनेजरइनपुट मैनेजर आदि के रूप में कॅरिअर शुरू करने के वास्ते बी.वी.एससतथा ए.एचकी डिग्री होना अनिवार्य नहीं है। वे कुक्कुट उद्योग में सामान्य प्रकार के विभिन्न रोजगारों के लिए पात्रता हेतु देश में विभिन्न संस्थानों द्वारा संचालित किए जाने वाले प्रमाणपत्र या डिप्लोमा कार्यक्रमों
का विकल्प चुन सकते हैं। कुक्कुट विज्ञान में डिप्लोमा/प्रमाणपत्र और कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने वाले कुछेक संस्थान निम्नानुसार हैं :-

1. केंद्रीय कुक्कुट विकास संगठन (सीपीडीओ), मुंबईबंगलौरभुवनेश्वरचंडीगढ़

2. इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू), नई दिल्ली

3. केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई), इज्जतनगर-243122, .प्र.

4. पोल्ट्री डायग्नोस्टिक रिसर्च सेंटर (पीडीआरसी), पुणे

5. भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधन संस्थान (आईवीआरआई), इज्जतनगर-243122, .प्र.

6. राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान

7. कृष्णकांत हांडिक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय

8. अन्नामलै विश्वविद्यालय

9. डॉबी.राव कुक्कुट प्रबंध् एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईपीएमटी), पुणे (..) 412202

उपर्युक्त सूची केवल सांकेतिक है। इच्छुक उम्मीदवार कुक्कुट विज्ञान के विभिन्न पाठ्यक्रमों के बारे में अपनी पसंद के संस्थानों के बारे में पूछताछ कर सकते हैं। बीवी राव कुक्कुट प्रबंध् एवं प्रौद्योगिकी संस्थानपुणे नियिमित रूप से निम्नलिखित पाठ्यक्रम संचालित करता है :-

1. बेसिक कॉमर्शियल पोल्ट्री मैनेजमेंट कोर्स

2. वर्तमान कृषकों हेतु अभिविन्यास/निर्देशन पाठ्यक्रम

3. बड़े पैमाने पर कुक्कुट फार्मिंग हेतु उन्नत पाठ्यक्रम

4. फीड निर्माताओं के लिए पफीड फार्मूलेशन एवं फीड एनालाइसिस पाठ्यक्रम

5. अंडज उत्पादन में संलग्न व्यक्तियों के लिए अंडज उत्पत्तिशाला प्रबंधन पाठ्यक्रम

6. गैरतकनीक/वित्तीय व्यक्तियों के लिए कुक्कुट प्रबंधन में प्रोत्साहन पाठ्यक्रम रोजगार के अवसर

कुक्कुट विज्ञान को कॅरिअर के रूप में चुनने वाले व्यक्तियों के लिए विभिन्न प्रकार के स्वरोजगार तथा अन्य रोजगार के अवसर उपलब्ध् हैं। कोई व्यक्ति अपनी योग्यता और अकादमिक पृष्ठभूमि के अनुरूप अकादमिक क्षेत्र में सहायक प्रोफेसर के रूप मेंअनुसंधान संगठन में एक शोधकर्ता तथा वैज्ञानिक के रूप मेंकेंद्र और राज्य सरकारों के विभागों में संबद्व विषयों के विशेषज्ञों के रूप में तथा पोल्ट्री फार्म के प्रबंधक के तौर पर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। इसी प्रकार कुक्कुट विज्ञान स्नातकों के लिए निजी पोल्ट्री और संबंधित उद्योगों में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध् हैं। इसके अलावा कुक्कुट व्यवसाय से संबंधित परामर्शी और स्वरोजगार के विकल्प को भी चुना जा सकता है। कुक्कुट विज्ञान व्यावसायिकों के लिए पारिश्रमिक बहुत आकर्षक हैं। केंद्र और राज्य सरकार में कोई व्यक्ति रु. 30000 से रु. 40000 के बीच प्रतिमाह वेतन की आशा रख सकता है जो कि उसकी योग्यताओं पर निर्भर करता है। अनुसंधान और शिक्षण संस्थानों में वेतन प्रतिमाह रु. 40000 से रु. 50000 के बीच होता है। निजी पोल्ट्री फार्मों में कोई व्यक्ति अपनी योग्यताओं और अनुभव के अनुरूप प्रतिमाह रु. 20000 से रु. 75000 तक अर्जित कर सकता है।

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