प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति (राज्य छात्रवृत्ति)-पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण

उद्देश्य- प्री-मैट्रिक स्तर के विद्यार्थियों के शिक्षण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना।

योजना का स्वरूप और कार्यक्षेत्र- पात्र विद्यार्थियों को निर्धारित दरों पर छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाता है। योजना का कार्यक्षेत्र संपूर्ण मध्यप्रदेश है। यह छात्रवृत्ति 10 माह के लिए प्रतिवर्ष प्रदान की जाती है। छात्रवृत्ति की दरें निम्नानुसार है :- (राशि रुपये में)

क्र.

कक्षा

दर (प्रतिमाह)

बालक

बालिका

1.

6 से 8

20.00

30.00

2.

9 एवं 10

30.00

40.00

श्

पात्र हितग्राही- कक्षा 6 से 10 के वे विद्यार्थी जिनके माता-पिता#अभिभावक आयकर दाता की सीमा में नहीं आते और जिनके पास 10 एकड़ से कम भूमि है।

हितग्राही चयन प्रक्रिया- विद्यार्थियों से निर्धारित प्रारूप में प्राप्त आवेदन पत्रों, जिसमें जाति और आय प्रमाण पत्र संलग्न किए गए हो, के आधार पर पात्रतानुसार चयन किया जाता है।

योजना क्रियान्वयन की प्रक्रिया- शिक्षण संस्था प्रमुख के माध्यम से बैंक द्वारा छात्रवृत्ति राशि का वितरण पात्र विद्यार्थियों को किया जाता है।

संपर्क- विभागीय जिला सहायक आयुक्त#जिला संयोजक#नोडल संस्था प्रमुख#शाला प्राचार्य#प्रधानाध्यापक।

पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति

उद्देश्य- कक्षा 11वीं 12वीं और महाविद्यालयीन, व्यवसायिक तथा तकनीकी पाठयक्रमों में अध्ययनरत पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को शिक्षा जारी रखने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना।

योजना का स्वरूप और कार्यक्षेत्र- पात्र विद्यार्थियों को निर्धारित दरों पर छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाता है। छात्रावासियों और गैर छात्रावासी विद्यार्थियों के लिये निर्वाह#अनुरक्षण भत्ते की दरें अलग-अलग निर्धारित हैं। योजना का कार्यक्षेत्र संपूर्ण मध्यप्रदेश है।

पात्र हितग्राही- संपूर्ण शैक्षणिक सत्र हेतु कक्षा 11वीं 12वीं और महाविद्यालयीन, व्यवसायिक तथा तकनीकी पाठयक्रमों में अध्ययनरत पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को जो मध्यप्रदेश के मूल निवासी है तथा जिनके माता-पिता#अभिभावक की वार्षिक आय समस्त स्रोतों से रुपये 75000#- से कम है को यह छात्रवृत्ति प्राप्त करने की पात्रता है। वार्षिक आय रु. 75000 से 150000#- तक होने पर पूर्ण अनुरक्षण भत्ता तथा आधा शुल्क देय होगा।

हितग्राही चयन प्रक्रिया- विद्यार्थियों से प्राप्त आवेदन पत्रों, जिसमें जाति और आय प्रमाण पत्र संलग्न किए गये हो, के आधार पर पात्रतानुसार चयन किया जाता है।

क्रियान्वयन की प्रक्रिया- शिक्षण संस्था प्रमुख के माध्यम से बैंक द्वारा छात्रवृत्ति राशि का वितरण पात्र विद्यार्थियों को किया जाता है।

संपर्क- विभागीय जिला सहायक आयुक्त#जिला संयोजक#नोडल संस्था प्रमुख#महाविद्यालय प्राचार्य#शाला प्राचार्य।

बंजारा जाति के विद्यार्थियों के लिये
प्री-मैट्रिक छात्रावास (केवल खरगोन जिले में)

उद्देश्य- बंजारा जाति के कक्षा 6 से 10 तक के विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराना।

योजना का स्वरूप और कार्यक्षेत्र- यह योजना व्यक्तिमूलक है आवासीय सुविधा के साथ-साथ पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को रुपये 250#- प्रति विद्यार्थी प्रतिमाह की दर से शिष्यवृत्ति प्रदान की जाती है। एकमात्र खरगौन जिला मुख्यालय पर यह योजना संचालित है।

पात्र हितग्राही- कक्षा 6 से 10 तक के बंजारा जाति के विद्यार्थी।

हितग्राही चयन प्रक्रिया- जिला कलेक्टर खरगौन द्वारा गठित समिति द्वारा।

संपर्क- विभागीय सहायक आयुक्त#छात्रावास अधीक्षक खरगौन।

राज्य स्तरीय परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र, भोपाल

उद्देश्य- म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा की पूर्व तैयारी के लिए पिछड़ा वर्ग के प्रतियोगियों को प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु।

योजना का स्वरूप एवं कार्यक्षेत्र- पुरूष प्रशिक्षणार्थियों को आवास की सुविधा प्रदान की जाती है। केन्द्र में 100 सीट्स का छात्रावास स्वीकृत है। चयनित उम्मीदवारों को प्रशिक्षण अवधि में रुपये 250 प्रतिमाह की दर से शिष्यवृत्ति प्रदान की जाती है। योजना का कार्यक्षेत्र संपूर्ण मध्यप्रदेश है।

पात्र हितग्राही- मध्यप्रदेश के पिछड़ा वर्ग के स्नातक जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय रुपये 36000#- से अधिक न हो।

हितग्राही चयन प्रक्रिया- समाचार-पत्रों में विज्ञापन द्वारा आवेदन पत्रों का आमंत्रण, इसके उपरांत आयुक्त#संचालक, पिछड़ा वर्ग कल्याण, मप्र. द्वारा गठित समिति द्वारा संकाय वार मेरिट के आधार पर चयन किया जाता है।

योजना क्रियान्वयन की प्रक्रिया- विभिन्न महाविद्यालयों के अनुभवी और विशेषज्ञ अतिथि व्याख्याताओं द्वारा संबंधित विषयों के पाठयक्रमों का निम्नानुसार प्रशिक्षण दिया जाता है।

1. प्रारंभिक परीक्षा हेतु – 6 माह
2. मुख्य परीक्षा हेतु – ढाई माह

संपर्क- प्राचार्य#संचालक, परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र, भदभदा रोड, भोपाल।

चिकित्सा, कृषि एवं अभियांत्रिकीय महाविद्यालयों
में प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी हेतु कोचिंग

उद्देश्य- चिकित्सा, कृषि एवं अभियांत्रिकीय महाविद्यालयों में प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी हेतु परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण प्रदान करना।

योजना का स्वरूप एवं कार्यक्षेत्र- उम्मीदवारों को संभागीय जिला मुख्यालय पर प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान की जाती है प्रत्येक जिले में 120 उम्मीदवारों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था है।

पात्र हितग्राही- म.प्र. के निवासी पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थी, जिन्होंने कक्षा 11वीं की परीक्षा में कम से कम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हो तथा जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय रुपये 25,000#- से अधिक न हो।

हितग्राही चयन प्रक्रिया- स्थानीय समाचार-पत्रों में विज्ञापन के माध्यम से आवेदन पत्र आमंत्रित किये जाते है। आवेदन-पत्रों का परीक्षण करने के उपरांत पात्रतानुसार चयन किया जाता है।

योजना क्रियान्वयन की प्रक्रिया- संभागीय जिला मुख्यालय पर स्थित शासकीय विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य के निर्देशन में अनुभवी और विशेषज्ञ व्याख्याताओं द्वारा यह प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। प्रशिक्षण अवधि ढाई माह नियत है।

संपर्क- जिला सहायक आयुक्त#जिला संयोजक#प्राचार्य विज्ञान महाविद्यालय।

म.प्र. पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम की स्वरोजगार योजना

उद्देश्य- पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के गरीब तबके के कौशल और विकास में आ रही आर्थिक कठिनाईयों को दूर करने के लिए उनका स्वरोजगार स्थापित करने के लिए निम्न ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराना।

योजना का स्वरूप एवं कार्यक्षेत्र- निगम द्वारा वर्तमान में निम्नांकित क्षेत्रों के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को ऋण स्वीकृत किये जाते हैं :-
(क) कृषि संबंधी क्षेत्र
(ख) दस्तकारी और पारंपरिक व्यवसाय
(ग) तकनीकी व्यवसाय
(घ) छोटे व्यवसाय
(ङ) परिवहन क्षेत्र

निगम के द्वारा स्वीकृत किए जाने वाले पांच लाख तक के ऋणों पर छ: प्रतिशत वार्षिक ब्याज लिया जाता है। योजना का कार्यक्षेत्र संपूर्ण मध्यप्रदेश है।

पात्र हितग्राही- पिछड़े वर्ग के ऐसे व्यक्ति, जो गरीबी रेखा से नीचे तथा दौहरी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते हैं, इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
हितग्राही चयन प्रक्रिया- निगम के समस्त ऋण जिला कलेक्टर के माध्यम से जिले में गठित जिला योजना समिति की उपसमिति की अनुशंसा पर लाटरी पध्दति से हितग्राहियों के समक्ष स्वीकृत किए जाते हैं।
संपर्क- प्रबंध संचालक, म.प्र. पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम, भोपाल तथा महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र।

प्रावीण्य छात्रवृत्ति योजना

उद्देश्य- प्रदेश के प्रत्येक जिले में पिछड़ा वर्ग के कक्षा 5वीं एवं 8वीं में सर्वाधिक अंक प्राप्तकर्ता विद्यार्थियों को प्रोत्साहन की दृष्टि से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना।

योजना का स्वरूप एवं कार्यक्षेत्र- चयनित छात्र को रुपये 40 प्रतिमाह की दर से तथा चयनित छात्रा को रुपये 50 प्रतिमाह की दर से 10 माह के लिये प्रतिवर्ष प्रदान की जाती है। योजना का कार्यक्षेत्र संपूर्ण मध्यप्रदेश है।

संपर्क- विभागीय जिला सहायक आयुक्त#जिला संयोजक#शाला प्राचार्य#प्रधानाध्यापक।

छात्रगृह योजना

उद्देश्य- पिछड़े वर्ग के पोस्टमैट्रिक कक्षाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए आवास सुविधा उपलब्ध कराना।

योजना का स्वरूप एवं कार्यक्षेत्र- पिछड़ा वर्ग के ऐसे विद्यार्थियों को जो दूरस्थ अंचलों से संभागीय मुख्यालय में अध्ययन के लिए आते है तथा जिनके पास आवास का कोई साधन उपलब्ध नहीं होता है उन्हें इस योजना अंतर्गत आवास सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। प्रत्येक छात्रगृह में कम से कम पाँच विद्यार्थी रखे जाने का प्रावधान है। भवन का किराया, बिजली और पानी के देयकों का भुगतान विभाग द्वारा किया जावेगा। योजना का कार्य क्षेत्र प्रदेश के संभागीय जिला मुख्यालयों में रखा गया है।

पात्र हितग्राही- पिछड़े वर्ग के पोस्ट मैट्रिक कक्षाओं में अध्ययनरत विद्यार्थी जिनके माता-पिता#अभिभावक की वार्षिक आय समस्त स्रोतों से रुपये 25000 से अधिक न हो इस योजना के लिए पात्र होगें।

हितग्राही चयन प्रक्रिया- छात्रगृह योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र छात्रों को अपनी संस्था के प्राचार्य के माध्यम से सहायक आयुक्त#जिला संयोजक, आदिम जाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण के कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत करना होगा। जिलाधिकारी द्वारा प्राप्त आवेदन पत्रों की जांच उपरांत छात्रगृह की व्यवस्था की जाती है।

संपर्क- संभागीय जिला मुख्यालय के सहायक आयुक्त#जिला संयोजक, आदिम जाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण#संबंधित प्राचार्य।

संघ एवं म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित
‘सिविल सेवा परीक्षा’ में सफलता प्राप्त करने हेतु प्रोत्साहन योजना

उद्देश्य- इस योजना का उद्देश्य मध्यप्रदेश में निवासरत पिछड़े वर्ग के अभ्यार्थियों को संघ एवं म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षाओं के विभिन्न स्तरों पर सफलता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहन स्वरूप वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
योजना का स्वरूप-

1. म.प्र. में घोषित अन्य पिछड़े वर्गों की सूची में
शामिल अन्य पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों के लिये योजना लागू है।

2. इस योजना के तहत पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों द्वारा संघ लोक सेवा आयोग अथवा राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित केवल सिविल सेवा परीक्षाओं में विभिन्न चरणों में सफलता पर निम्न तालिका अनुसार प्रोत्साहन राशि स्वीकृत किए जाने का प्रावधान है। योजना का कार्यक्षेत्र संपूर्ण मध्यप्रदेश है।

क्र.

विवरण राशि रुपये मे

संघ लोक सेवा आयोग

राज्य लोक सेवा आयोग

1.

प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण होने पर

 

25000

15000

2.

मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करने पर

 

50000

25000

3.

साक्षात्कार उपरांत चयन होने पर।

 

25000

10000

योग

100000

50000

पात्र हितग्राही

1. योजना की पात्रता के लिये मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में अभ्यर्थी के माता-पिता#अभिभावक की आय रु. 25,000#- से अधिक न हो।
2. संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा के लिये प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिये आय सीमा का बंधन नहीं होगा।

हितग्राही चयन प्रक्रिया- सिविल सेवा परीक्षाओं के प्रत्येक स्तर पर परीक्षा उत्तीर्ण करने पर अभ्यार्थियों को संबंधित जिले के सहायक आयुक्त#जिला संयोजक, आदिम जाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण के कार्यालय में निर्धारित प्रपत्र में आवेदन पत्र प्रस्तुत करने पर नियमानुसार प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जावेगा। अर्हताकारी परीक्षा के परिणाम घोषित होने के एक वर्ष के बाद प्रस्तुत आवेदनों पर कोई विचार नहीं किया जावेगा।

विद्यार्थी कल्याण योजना

उद्देश्य- आर्थिक रूप से कमजोर पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों की विशिष्ट परिस्थितियों में आकस्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये सहायता प्रदान करना।

योजना का स्वरूप और कार्यक्षेत्र- योजना में निम्नलिखित परिस्थितियों में सहायता देना शामिल है-

– आकस्मिक विपत्ति में सहायता।
– विशेष रूप से पीड़ित होने पर रोग निवारण हेतु सहायता
– गरीब विद्यार्थियों को गणवेश का प्रदाय।
– विद्यार्थी की विशेष अभिरूचि को प्रोत्साहन देने हेतु सहायता।
– विद्यार्थी के कल्याण से संबंधित विभिन्न अन्य कार्यक्रमों हेतु सहायता।

पात्र हितग्राही- पिछड़ा वर्ग के कक्षा 6 से मैट्रिकोत्तर पाठयक्रमों में अध्ययनरत वे विद्यार्थी जिनके माता-पिता#अभिभावक की मासिक आय रुपये 1000#- से अधिक न हो को इस योजना का लाभ प्राप्त करने की पात्रता होगी।

हितग्राही चयन प्रक्रिया- सहायता प्राप्त करने के इच्छुक विद्यार्थियों से निर्धारित आवेदन पत्र में जिसमें जाति और आय प्रमाण पत्र संलग्न किए गए हो एवं शाला प्रमुख द्वारा अनुशंसा की गई हो, के आधार पर सहायता राशि की स्वीकृति नियमानुसार की जावेगी।

योजना क्रियान्वयन की प्रक्रिया- शिक्षण संस्था प्रमुख के माध्यम से विद्यार्थी द्वारा सीधे सहायक आयुक्त#जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण कार्यालय में आवेदन पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक है।

उच्च शिक्षा के लिए विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति
(वर्ष 2007-2008 से प्रारंभ)

योजना का उद्देश्य- योजना का उद्देश्य चयनित पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को विदेशों में विशिष्ट क्षेत्रों में स्नातकोत्तर स्तर के पाठयक्रमों#शोध, उपाधि (पी.एच.डी.) एवं शोध उपाधि उपरांत शोध कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान किया जाना है।

पात्रता की शर्तें- 1. शोध उपाधि उपरांत अध्ययन हेतु- संबंधित स्नातकोत्तर परीक्षा में प्रथम श्रेणी अथवा 60 प्रतिशत अंक या उसके समतुल्य श्रेणी (ग्रेड) एवं संबधित क्षेत्र में अनुभव के साथ शोध उपाधि (पी.एच.डी.)। 2. शोध उपाधि (पी.एच.डी.) हेतु-संबंधित स्नातकोत्तर परीक्षा में प्रथम श्रेणी अथवा 60 प्रतिशत अंक या उसके समतुल्य श्रेणी एवं संबंधित क्षेत्र में दो वर्ष का अध्यापन#शोध#व्यवसायिक अनुभव#एम.फिल उपाधि। 3. स्नातकोत्तर उपाधि हेतु- स्नातक उपाधि में प्रथम श्रेणी अथवा 60 प्रतिशत अंक या उसके समतुल्य श्रेणी (ग्रेड)।

आयु- आवेदन दिये जाने वाले वर्ष की एक जनवरी को 35 वर्ष से कम विशेष प्रकरणों में समिति द्वारा 10 वर्षों तक शिथिलनीय।

आय सीमा- नियोजित उम्मीदवार की अथवा उसके माता पिता#अभिभावक की सभी स्रोतों से कुल आय क्रीमिलेयर हेतु निर्धारित आय सीमा से अधिक नहीं होना चाहिये।

एक परिवार में एक अभ्यार्थी एवं एक बार छात्रवृत्ति- किन्हीं माता पिता अथवा अभिभावक के एक से अधिक बच्चों को छात्रवृत्ति प्राप्त करने की पात्रता नहीं होगी। छात्रवृत्ति केवल एक बार ही देय होगी।

संपर्क- ऐसे अभ्यार्थी जो नियोजन में है उन्हें अपने आवेदन नियोक्ता के अनापत्ति प्रमाण पत्र के साथ नियोक्ता से अग्रेषित कराकर विज्ञापन में निर्धारित तिथि तक अथवा उसके पूर्व प्रमुख सचिव, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग मध्यप्रदेश शासन, मंत्रालय भोपाल को प्रेषित करने होंगे।

वित्तीय सहायता- योजना के तहत विदेश में अध्ययन के लिए वर्ष 2007-08 में प्रति छात्र#छात्रा को राशि रुपये 05.00 लाख के मान से कुल 5 छात्र#छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जावेगी।

सम्पर्क- आयुक्त, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण।

दिल्ली छात्रगृह योजना

योजना का उद्देश्य- मध्यप्रदेश के ऐसे पिछड़ा वर्ग छात्र-छात्राओं के लिये आवासीय व अन्य सुविधायें जैसे-पानी, विद्युत व्यय की प्रतिपूर्ति, शिष्यवृत्ति आदि की सुविधायें उपलब्ध कराना है, जो दिल्ली स्थित उच्च शिक्षा संस्थाओं में अध्ययनरत है।

क्षेत्र- छात्र गृह की सुविधा केवल दिल्ली महानगर में अध्ययनरत मध्यप्रदेश के पिछड़ा वर्ग छात्र-छात्राओं के लिये ही सीमित होगी।

पात्रता की शर्तें- इस योजना की पात्रता के लिये छात्र-छात्राओं को मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य है। छात्र-छात्रायें पिछड़ा वर्ग की होना आवश्यक है। छात्र-छात्राओं को स्नातक (प्रथम वर्ष) तथा उसके ऊपर की कक्षाओं या व्यावसायिक पाठयक्रमों में शासकीय अथवा मान्यता प्राप्त अशासकीय संस्थाओं में अध्ययनरत#प्रवेशित होना अनिवार्य होगा। छात्र-छात्राओं को पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति प्राप्त करने की पात्रता हो अर्थात छात्र-छात्राओं के माता-पिता#अभिभावक की वार्षिक आय रुपये 100000#- (एक लाख) से अधिक नहीं होना चाहिये। मध्यप्रदेश में स्थित किसी शिक्षण संस्था से कक्षा 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थी ही इस योजना का लाभ ले सकेंगे।

प्रवेश प्रणाली- प्रवेश देने के लिये विशेष आयुक्त मध्यप्रदेश नई-दिल्ली सक्षम होंगे।

छात्रों को देय सुविधायें- दिल्ली महानगर में छात्र-गृह योजना अंतर्गत छात्र-छात्राओं को निम्नानुसार सुविधायें प्राप्त होंगी:-

  • किराया- प्रति छात्र प्रतिमाह अधिकतम रुपये 1000#- 12 माह हेतु।
  • पानी एवं विद्युत व्यय- प्रति छात्र प्रतिमाह रु. 50#- 12 माह हेतु।
  • शिष्यवृत्ति- प्रति छात्र प्रतिमाह रु. 500#- 12 माह हेतु।
  • एक मुश्त अनुदान- प्रति विद्यार्थी रु. 2000#- केवल एक बार प्रवेश के समय।

पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति के लिये पात्र विद्यार्थियों को छात्रावासी दर से अनुरक्षण व्यय प्राप्त होगा एवं उन्हें शिष्यवृत्ति प्राप्त करने की पात्रता नहीं होगी।

पिछड़े वर्ग के बालक-बालिकाओं
हेतु छात्रावास योजना

उद्देश्य- प्रदेश के पिछड़े वर्ग के बालक को संभाग स्तर पर तथा बालिकाओं को जिला स्तर पर शिक्षा जारी रखने हेतु आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संभाग स्तर पर 100 सीटर बालक छात्रावास एवं जिला स्तर पर 50 सीटर बालिका छात्रावास।
शिष्यवृत्ति- छात्रावास में प्रवेशित छात्र को प्रतिमाह राशि रु. 250#- तथा छात्राओं को रुपये प्रतिमाह राशि 260#- शिष्यवृत्ति प्रदान की जावेगी।
प्रवेश पात्रता- छात्र-छात्रा को उसी जिले की शिक्षण संस्था का नियमित विद्यार्थी होना आवश्यक है।
संपर्क- जिले के कलेक्टर, सहायक आयुक्त#जिला संयोजक आदिम जाति अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण#संस्था प्राचार्य।

बेरोजगार युवक-युवतियों के लिये रोजगार प्रशिक्षण

उद्देश्य- पिछड़े वर्ग के बेरोजगार युवक-युवतियों के व्यवसाय में कुशलता लाने हेतु रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण प्रदान करना।
योजना का स्वरूप एवं कार्यक्षेत्र- पात्र बेरोजगार युवक-युवतियों को राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर के प्रशिक्षण केन्द्रों में प्रतिष्ठित औद्योगिक संस्थाओं द्वारा वांछित तकनीकी कौशल के स्तर का प्रशिक्षण प्रदान किया जावेगा।
पात्र हितग्राही- इस योजना के अंतर्गत 18 से 35 वर्ष आयु सीमा के बेरोजगार युवक युवतियां पात्र होंगी जिनके माता पिता एवं अभिभावक की वार्षिक आय पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिये निर्धारित आय सीमा के अंतर्गत है।
चयन प्रक्रिया- प्रशिक्षण संस्था, प्रशिक्षणार्थी एवं उसके लिये ट्रेड का चयन निर्धारित प्रक्रिया से किया जावेगा।
प्रशिक्षणार्थी को देय सुविधाएं- प्रस्तावित प्रशिक्षण कार्यक्रम पर प्रतिवर्ष, प्रति विद्यार्थी अधिकतम एक लाख का व्यय संभावित है। इस व्यय में प्रशिक्षण शुल्क के साथ आवास एवं भोजन की व्यवस्था आदि भी सम्मिलित है।
संपर्क- आयुक्त#संचालक पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण मध्यप्रदेश एवं जिला कलेक्टर।

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