कृषकों की आय दो गुनी करने उद्यानिकी फसलों का रोडमेप तैयार

19 लाख हेक्टेयर से ज्यादा हुआ उद्यानिकी फसल रकबा

कृषकों की आय दोगुनी करने के लिए तैयार रोडमेप पर कार्रवाई करते हुए उद्यानिकी क्षेत्र रकवा लगभग 19 लाख 12 हजार हेक्टेयर हो चुका है। फलस्वरूप सभी मुख्‍य उद्यानिकी फसलों में प्रदेश के किसानों द्वारा सरप्लस उत्पादन किया जा रहा है। उद्यानिकी विभाग द्वारा फसलोत्तर प्रबंधन के लिए अधोसंरचना निर्माण एवं खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए अनुदान दिए जाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

इस रणनीति के तहत दो वर्षों में 2 लाख 75 हजार मीट्रिक टन प्याज भण्डारण क्षमता निर्मित की गई। अभी 1 लाख 66 हजार मीट्रिक टन क्षमता के प्याज भण्डारण गृह निर्माणाधीन हैं। नश्वर उत्पादों के भण्डारण के लिये दो वर्षों में 3 लाख 22 हजार मीट्रिक टन कोल्ड स्टोरेज क्षमता विकसित की गई है।

उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानों के उत्पादों की विपणन व्यवस्था के विशेष प्रयास किये जा रहे है। इसमें उत्पादक संगठनों और स्थानीय कृषकों के समूहों को तकनीक सहायता दी जा रही है। देश-विदेश के विक्रेताओं से संपर्क कराने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। देश-विदेश के खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों एवं क्रेताओं के साथ चर्चा कर प्रदेश में निवेश करने के लिए उन्हें आमंत्रित किया गया है। अभी 1200 से 1300 करोड़ रूपये के अनुबंध निवेश के लिए किये गये हैं।

‘नमामि देवी नर्मदे’ सेवा यात्रा के दौरान 2 जुलाई 2017 को विभाग द्वारा नर्मदा तट एवं बेसिन क्षेत्रों के 24 जिलों में 14 हजार 422 कृषकों की निजी भूमि पर 11 हजार 104 हेक्टेयर क्षेत्र में 41 लाख 72 हजार फलदार पौधों का रोपण किया गया। इस वर्ष 2 जुलाई 2018 को होने वाले पौध रोपण के लिए विभाग को 75 लाख पौध रोपण का लक्ष्य दिया गया है।

जलवायु परिवर्तन के जोखिम को वहन करने तथा वर्ष भर ताजी सब्जियों एवं पुष्पों का निरंतर उत्पादन प्राप्त करने के लिए संरक्षित खेती की योजना में वर्ष 2016-17 में 103 हेक्टेयर में पाली हाउस/शेडनेट हाउस और 3110 हेक्टेयर में प्लास्टिक मल्चिंग के लिए अनुदान दिया गया। वर्ष 2017-18 में 73 हेक्टेयर में पाली हाउस/ शेडनेट हाउस का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही 3600 हेक्टेयर में प्लास्टिक मल्चिंग पर अनुदान दिया जा रहा है। वर्ष 2018-19 में 1183 हेक्टेयर में कृषकों को पाली हाउस/ शेडनेट हाउस के निर्माण तथा 8500 हेक्टेयर में प्लास्टिक मल्चिंग के लिए अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है।

पानी का समुचित उपयोग तथा सिंचाई में विद्युत एवं श्रम की बचत कर क्षेत्र एवं उत्पादन में वृद्धि के लिए इस वित्त वर्ष में 41 हजार 882 हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सेट लगाए गए हैं। अगले वित्त वर्ष में 52 हजार हेक्टेयर में ड्रिप/स्प्रिंकलर संयंत्र लगाया जाना प्रस्तावित है।

  • Related Posts

    प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना (PM Surya Ghar Scheme) मुफ्त बिजली योजना
    • March 18, 2024

    प्रधानमंत्री श्री…

    Read more

    Continue reading
    भविष्य के लिए कृषि: इन्टरनेट ऑफ थिंग्स तथा आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से डिजिटल कृषि को प्रोत्साहन प्रदान करना
    • March 18, 2024

    दूरसंचार इंजीनियरिंग…

    Read more

    Continue reading

    Leave a Reply

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    जैविक खेती

    तुलसी की खेती से किसान कमा रहे लाखों

    • October 24, 2018
    • 46 views
    तुलसी की खेती से किसान कमा रहे लाखों

    खेत का प्राकृतिक टॉनिक – हरी खाद

    • June 3, 2017
    • 35 views
    खेत का प्राकृतिक टॉनिक – हरी खाद

    खेती उजाड़ता कृषि प्रधान भारत

    • March 3, 2017
    • 65 views
    खेती उजाड़ता कृषि प्रधान भारत

    रवि विपणन सीजन 2017-18 में 330 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदी का लक्ष्य

    • February 25, 2017
    • 51 views
    रवि विपणन सीजन 2017-18 में 330 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदी का लक्ष्य

    सरकारी योजनाओ व कार्यक्रमों की किसानो के लिए मार्गदर्शिका

    • February 21, 2017
    • 52 views
    सरकारी योजनाओ व कार्यक्रमों की किसानो के लिए मार्गदर्शिका

    कीड़े-मकोड़े फसल की पैदावार को अत्यधिक क्षति पहुँचाते हैं

    • February 15, 2017
    • 48 views
    कीड़े-मकोड़े फसल की पैदावार को अत्यधिक क्षति पहुँचाते हैं