मध्यप्रदेश में किसानों को गेहूं का समर्थन मूल्य 2000 रुपए क्विंटल मिलेगा

इस वर्ष प्रधानमंत्री द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य 1735 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से दो हजार रुपए क्विंटल समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने सोमवार को किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए मुख्यमंत्री कृषि उत्पादकता प्रोत्साहन योजना की घोषणा करते हुए कहा कि इस वर्ष प्रधानमंत्री द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य 1735 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है, जिसे इस योजनांतर्गत 265 रुपए की प्रोत्साहन राशि जोड़कर 2000 रुपए प्रति क्विंटल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इसी तरह अगले वर्ष धान में भी 200 रुपए प्रति क्विंटल बोनस राशि देंगे।

मुख्यमंत्री ने बताया कि रबी 2016-17 में समर्थन मूल्य पर 67.25 लाख मैट्रिक टन गेहूं का ई-उपार्जन किया गया। इसमें 7.38 लाख किसानों को 1340 करोड़ रुपए का भुगतान होगा। इसी तरह खरीफ 2017 में समर्थन मूल्य पर 16.59 लाख मैट्रिक टन धान ई-उपार्जन किया गया, जिसका 2.83 लाख किसानों को 330 करोड़ रुपए का भुगतान होगा।

बारिश से किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई सरकार करेगी। गेहूं के समर्थन मूल्य 300 रु. बढ़ाकर अब 2000 प्रति क्विंटल कर दिया गया है। सरकार ने भावांतर भुगतान योजना को जारी रखने का फैसला किया है, हालांकि एक बड़ा परिवर्तन कर सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है। किसान अब अपनी उपज को अपनी सहूलियत के हिसाब से बेच सकेंगे।

ये तमाम बड़ी घोषणाएं प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के जम्बूरी मैदान में हुए किसान सम्मेलन में की। इस किसान सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने किसानों को भावांतर योजना की राशि और भावांतर योजना के प्रमाणपत्रों का वितरण किया। चुनावी साल में हो रहे इस आयोजन में सरकार द्वारा बड़ी घोषणाओं की उम्मीद की जा रही थी। इसमें मुख्यमंत्री ने 4 लाख किसानों के खातों में भावांतर भुगतान योजना के 620 करोड़ रुपए हस्तांतरित किए। सीएम ने मंच से ही क्लिक कर किसानों के खाते में ये पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर किया।

अपने संबोधन में सीएम शिवराज ने ऐलान किया कि प्रदेश में बारिश से होने वाले फसल नुकसान की भरपाई होगी। प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों के साथ खड़ी है। राहत की राशि और फसल बीमा योजना की राशि जोड़कर किसानों के नुकसान की भरपाई सरकार द्वारा की जाएगी।

बदलाब के साथ भावांतर जारी रहेगी

सरकार ने भावांतर भुगतान योजना जारी रखने का फैसला करते हुए उसमें किसानों की सहमति से एक बड़ा बदलाव किया है। सीएम ने घोषणा की कि किसान अपनी उपज बेचने के लिए स्वतंत्र होंगे। वे चाहे तो 1 से लेकर 4 महीने तक अपनी उपज बेच सकते हैं। वे सरकार द्वारा अधिकृत भंडारगृह में रख सकेंगे। उसका किराया सरकार द्वारा भरा जाएगा।

  1. गेहूं का समर्थन मूल्य तय

सीएम ने गेहूं का समर्थन मूल्य 2000 रू. निर्धारित करने का भी फैसला किया है। अभी ये 1700 रू. प्रति क्विंटल है। इसके अलावा सीएम ने पिछले साल बेचे गए गेहूं और चावल पर प्रति क्विंटल 200 रु. बोनस देने का भी फैसला किया। इसके लिए सीएम ने मुख्यमंत्री उत्पादकता प्रोत्साहन योजना की घोषणा करते हुए बताया कि इस योजना के तहत बोनस और गेहूं व चावल के रेट तय किए जाएंगे।

ऋण माफी नहीं

इस सम्मेलन ने किसानों को ऋण माफी की उम्मीद थी। हालांकि सीएम ने ऋण माफी से जुड़ी कोई घोषणा नहीं की। सीएम ने कहा कि सरकार किसानों का कर्ज माफ नहीं करेगी लेकिन इसके बदले उन्हें उचित मूल्य दिया जाएगा। किसानों का ढाई हजार करोड़ रुपये का ब्याज सरकार भरेगी। उन्होंने कहा कि जो डिफॉल्टर किसान हैं और किसी कारण ऋण का भुगतान नहीं कर पाए हैं उन्हें भी शून्य प्रतिशत पर ब्याज मिले इसके लिए सरकार जल्द ही मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना ला रही है।

सीएम ने किसान सम्मेलन में ये भी घोषणा की कि सरकार सिंचाई पर 1 लाख करोड़ खर्च करेगी। प्रदेश सरकार अगले 5 सालों में 1200 करोड़ की लागत से चम्बल के बीहड़ समतल करेंगे और ये जमीन छोटे किसानों को खेती के लिए दी जाएगी।

रुपे कार्ड का ऐलान

सरकार किसानों के क्रेडिट कार्ड को रुपे कार्ड में बदला जाएगा। इस कार्ड का उपयोग एटीएम कार्ड जैसा हो सकेगा। किसान इससे पैसा भी निकाल सकेंगे। सीएम ने घोषणा की कि 4523 सहकारी साख समिति में एटीएम की व्यवस्था की जाएगी।

सीएम ने बड़ी घोषणा करते हुए 50 मंडी में ग्रेडिंग और पैकेजिंग के प्लांट लगेंगे ताकि किसानों को उनकी उपज के उचित दाम मिल सके। सरकार 150 मंडियों में प्राइस टिकर के माध्यम से देश की अन्य मंडियों के रेट दिखाएंगे।

सम्मेलन में विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर, मंत्री गौरीशंकर बिसेन और अन्य मंत्री मौजूद थे।

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