Amarkent will create a Mini Smart City from 155 crore: Chief Minister Shri Chauhan

मुख्यमंत्री द्वारा अमरकंटक में 30 करोड़ की जल प्रदाय योजना और सीवरेज प्लांट का भूमि-पूजन

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अमरकंटक को मिनी स्मार्ट सिटी बनाएंगे। इस कार्य पर 155 करोड़ रूपये की राशि व्यय की जायेगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में नर्मदा के बिना सुखमय जीवन की कामना नहीं की जा सकती। मुख्यमंत्री नर्मदा जयंती पर अनूपपुर जिले के अमरकंटक में रामघाट पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित विशाल जन-समुदाय को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अमरकंटक में 12 करोड़ 56 लाख रूपये लागत की जल प्रदाय योजना और साढ़े 18 करोड़ रुपये लागत के सीवरेज प्लांट का भूमि-पूजन किया। श्री चौहान ने अमरकंटक में स्वच्छता और अधोसंरचना विकास के लिये सवा 5 करोड़ रुपये देने की घोषणा भी की।

श्री चौहान ने कहा कि नमामि देवि नर्मदे-सेवा यात्रा के दौरान नर्मदा को प्रदूषण-मुक्त बनाने के लिये जो संकल्प राज्य सरकार ने लिया था, उसे सामाजिक सहभागिता के साथ पूरा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि नर्मदा के तट पर स्थित सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों में जन-जागरण के साथ-साथ निर्माण कार्य कराने का काम सरकार द्वारा किया जा रहा है। इसी कड़ी में गत वर्ष नर्मदा तटीय क्षेत्रों पर लगभग 2 करोड़ पौधे रोपित करने का कार्य किया गया था। इस वर्ष भी पौध-रोपण करवाया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने लोगों का आव्हान किया कि नर्मदा में गन्दा पानी न छोड़ें और जल-संरक्षण एवं संवर्द्धन के कार्य करवाने के लिये आगे आयें। उन्होंने माँ नर्मदा की निर्मलता को बनाये रखने के लिये मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता बतायी।

इस अवसर पर सांसद श्री ज्ञान सिंह, अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह मरावी, विधायक श्रीमती प्रमिला सिंह, अमरकंटक विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री अम्बिका प्रसाद तिवारी सहित अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।

अध्यापक संवर्ग ने किया मुख्यमंत्री का स्वागत

कार्यक्रम में अध्यापक संवर्ग ने शिक्षकों के हित में मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा हाल ही में लिये गये निर्णय की सराहना की और मुख्यमंत्री का ह्रदय से स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्यापक खूब पढ़ायें, बच्चों को आगे बढ़ायें।

अध्यापक संवर्ग का कहना था कि हम सबके जीवन की आकांक्षा मुख्यमंत्री निर्णय ने पूरी कर दी है। शालाओं एवं समाज में हमारा जो दोयम दर्जा था, उससे मुक्ति मिल गई है। हम ईमानदारी से कार्य करते हुए बच्चों एवं देश के भविष्य को सँवारने में जुट गये हैं।

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