प्रदेश का बजट जनकल्याण का बजट : मुख्यमंत्री श्री चौहान

बजट में सभी वर्गों के कल्याण का रखा गया ध्यान

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के बजट को ऐतिहासिक और जनता के कल्याण का बजट बताया है। उन्होंने कहा है कि यह बजट सभी वर्गों के कल्याण को ध्यान में रखते हुये, विशेषकर महिला सशक्तिकरण, रोजगार, किसान, गरीब, नौजवान और बच्चों का बजट है। पहली बार बजट दो लाख करोड़ रूपये से अधिक की राशि पार कर गया है। श्री चौहान आज प्रदेश के विधानसभा में प्रस्तुत बजट पर मीडिया के साथ चर्चा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के बजट में अधोसंरचना विशेषकर सिंचाई और कृषि के लिये किये गये कार्य राज्य की समृद्धि के आधार हैं। कृषि एवं कृषि सम्बद्ध कार्यों के लिए 37 हजार 498 और ऊर्जा के लिये 17 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है। इससे विकास की दर बढ़ती है। प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होती है। अंतत: प्रदेश समृद्ध होता है। किसानों को फसल के बाजार मूल्य में गिरावट से सुरक्षा प्रदान करने के लिये मुख्यमंत्री भावांतर योजना के लिए 650 करोड़ का प्रावधान किया गया है। प्याज को भावांतर में शामिल किया है। बजट में गरीब कल्याण के संकल्प के अंतर्गत रोटी, कपड़ा, मकान, पढ़ाई, लिखाई दवाई के पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं। मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान है। अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग के लिए छात्रावास, छात्रवृत्ति के प्रावधान है। उन्होंने बताया कि डिफाल्टर होने के कारण जो किसान जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण नहीं ले पा रहे थे, उनके लिए मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना लागू की गई है। योजना में ब्याज की राशि सरकार द्वारा भरी जाएगी। मूलधन का भुगतान किसान किश्तों में अदा कर सकेंगे। जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण भी ले सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास के लिये 18 हजार 165 करोड़ रूपये का प्रावधान वरदान से कम नहीं है। विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत ग्रामीण सड़कों का जाल बिछेगा। यह प्रत्येक गांव को सड़कों से जोड़ने का प्रयास है। नगरीय विकास के लिये 11 हजार 932 करोड़ रूपये का प्रावधान है। सूखे के संकट में पेयजल उपलब्धता के लिये समूह पेयजल योजनाओं का कार्य प्रशंसनीय है। मुख्यमंत्री युवा सशक्तिकरण मिशन अंतर्गत रोजगार सृजन के प्रयासों में 7.5 लाख युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और 7.5 लाख युवाओं का कौशल उन्नयन करने के लिये तकनीकी शिक्षा के लिये पर्याप्त प्रावधान किये गये हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण अंचल में शासकीय स्वास्थ सेवाओं के साथ निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिये लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण अंतर्गत नई योजना लागू की गई है। निजी क्षेत्र को स्वास्थ के क्षेत्र में निवेश पर ग्रामीण क्षेत्र में 40 और अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में 50 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी दी जायेगी। बजट में कर्मचारी कल्याण के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं।

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