दुर्घटना की स्थिति में चिकित्सा सहायता योजना-श्रम

उद्देश्य- योजना अंतर्गत भवनों और अन्य निर्माण कर्मकारों को कार्य के दौरान, कार्य स्थल से घर आते-जाते समय अथवा किसी भी रूप में दुर्घटनाग्रस्त होने पर चिकित्सा सहायता उपलब्ध होगी।

योजना का स्वरूप और कार्य क्षेत्र- पंजीबध्द निर्माण श्रमिक दुर्घटनाग्रस्त होने पर प्रथमोपचार के लिये 1000 रुपये तथा चिकित्सा व्यय के लिये अधिकतम 20000 रुपये की सहायता दी जाती है। दुर्घटना के कारण कार्य पर नहीं जा पाने के लिये अधिकतम 5000 रुपये तक मजदूरी क्षति पूर्ति का भुगतान किया जाता है। यह योजना संपूर्ण प्रदेश में लागू है।

पात्र हितग्राही- यह योजना उन भवनों और अन्य निर्माण कर्मकारों पर प्रभावशील होगी, जो भवन एवं अन्य निर्माण कार्यों में लगे हुए हैं तथा अधिनियम के अंतर्गत हिताधिकारी परिचय पत्र धारी हैं। श्रमिक द्वारा दुर्घटना की स्थिति में आवेदन के साथ चिकित्सक का प्रमाण पत्र जिसमें दुर्घटना तथा शारीरिक क्षति का विवरण हो, संलग्न करना आवश्यक है।

संपर्क – जिले में पदस्थ सहायक श्रमायुक्त#श्रम पदाधिकारी#श्रम निरीक्षक को आवेदन प्रस्तुत करना होगा।

मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि सहायता एवं अनुग्रह भुगतान योजना-2004

उद्देश्य- इस योजना के तहत निर्माण श्रमिक को मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि के लिए सहायता तथा अनुग्रह राशि का भुगतान किया जायेगा।

योजना का स्वरूप और कार्य क्षेत्र- यह योजना संपूर्ण मध्यप्रदेश में लागू है। निर्माण श्रमिक की मृत्यु के तुरंत बाद अथवा एक सप्ताह के अंदर 2000 रुपये अंत्येष्टि सहायता राशि दी जायेगी। हिताधिकारी निर्माण श्रमिक की मृत्यु के कारण उसके उत्तराधिकारियों को सहायता प्रदान की जावेगी। यह राशि उत्तराधिकारी को एक से छ: माह की अवधि में यथासंभव प्रदान की जायेगी।

45 वर्ष से कम आयु में मृत्यु होने पर 20,000 रुपये

45 वर्ष से 60 वर्ष की आयु में मृत्यु होने पर 15,000 रुपये अनुग्रह राशि दी जायेगी।

पात्र हितग्राही- 18 से 60 वर्ष की उम्र के ऐसे हिताधिकारी निर्माण श्रमिक जिनका धारा 12 के अंतर्गत पंजीयन होगा।

अंत्येष्टि सहायता या अनुग्रह राशि का भुगतान जानबूझकर की गई आत्महत्या या मादक द्रव्यों, पदार्थों के सेवन से हुई मृत्यु अथवा अपराध करने के उद्देश्य से कानून का उल्लंघन करके एक-दूसरे से हुई मारपीट से मृत्यु की स्थिति में यह राशि प्रदान नहीं की जावेगी।

संपर्क- जिले में पदस्थ सहायक श्रमायुक्त#श्रम पदाधिकारी#श्रम निरीक्षक।

शिक्षा सहायता छात्रवृत्ति योजना

उद्देश्य- यह योजना संपूर्ण मध्यप्रदेश में प्रभावशील होगी। निर्माण श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा सहायता प्रदान करने के लिये यह योजना लागू की गई है। छात्र#छात्राओं को निर्धारित दरों पर स्वीकृत छात्रवृत्ति का भुगतान एकमुश्त होगा।

पात्र हितग्राही- 1. पंजीबध्द निर्माण कर्मकार हिताधिकारी के पुत्र#पुत्री#पत्नी ही शिक्षा सहायता छात्रवृत्ति योजना के लिए पात्र होंगे।

2. छात्र या छात्रा शिक्षण संस्था में नियमित अध्ययनरत विद्यार्थी हो।
3. हिताधिकारी की पत्नी को छात्रवृत्ति की पात्रता के लिए यह आवश्यक है कि उसकी आयु 35 वर्ष से अधिक न हो तथा शिक्षण संस्था में नियमित अध्ययनरत हो।
4. यह छात्रवृत्ति उन छात्र#छात्राओं को मिलेगी जो शासकीय या केन्द्र#राज्य शासन द्वारा मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में अध्ययन कर रहे हों।
5. छात्र#छात्रा को किसी अन्य स्रोत से कोई छात्रवृत्ति प्राप्त नहीं हो रही हो।
6. किसी वर्ष के लिए छात्रवृत्ति सुसंगत परीक्षा उत्तीर्ण कर लेने के पश्चात ही देय होगी।
7. प्रत्येक विद्यार्थी को छात्रवृत्ति पाने के लिए निर्धारित प्रपत्रों में आवेदन पत्र भरकर संस्था प्रमुख शासकीय विद्यालय#महाविद्यालय को प्रस्तुत करना होगा। निजी शिक्षण संस्था के छात्रों द्वारा आवेदन संकुल प्राचार्य#जिले के शासकीय अग्रणी महाविद्यालय के प्राचार्य को प्रस्तुत किये जायेंगे।

योजना क्रियान्वयन प्रक्रिया- छात्रवृत्ति निर्धारित दरों के अनुसार प्रत्येक वर्ष के लिए स्वीकृत की जायेगी। यह छात्रवृत्ति ग्रीष्म अवकाश अवधि को छोड़कर 10 माह के शिक्षा सत्र के लिए दी जायेगी।

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1. कक्षा एक से पांचवीं तक

 

50

75

2. कक्षा 6वीं से 8वीं तक

 

75

100

3. कक्षा 9वीं से 12वीं तक

 

100

150

सम्पर्क- जिले में पदस्थ सहायक श्रम आयुक्त#श्रम पदाधिकारी#सहायक श्रम पदाधिकारी#श्रम निरीक्षक।

मेधावी छात्र#छात्राओं को नगद पुरस्कार योजना

पात्र हितग्राही- पंजीबध्द निर्माण श्रमिकों के पुत्र पुत्रियों द्वारा कक्षा 5वीं से लेकर आगे सभी तरह के पाठयक्रमों में प्रथम श्रेणी में परीक्षा उत्तीर्ण करने पर रु. 1000 से लेकर रुपये 3000#- तक का नगद पुरस्कार दिया जाता है।

संपर्क – जिले में पदस्थ सहायक श्रम आयुक्त#श्रम पदाधिकारी#सहायक श्रम पदाधिकारी#श्रम निरीक्षक।

प्रसूति सहायता योजना

महिला निर्माण श्रमिकों को प्रसूति की स्थिति में प्रसूति पूर्व एवं प्रसूति पश्चात कुल 12 सप्ताह के लिए आधी मजदूरी की दर से प्रसूति हितलाभ प्रदान करने के लिए यह योजना प्रभावशील है। योजना के तहत उन भवन और अन्य निर्माण महिला कर्मकारों को इसका लाभ मिलेगा जो मण्डल के अंतर्गत महिला हिताधिकारी के रूप में पंजीबध्द हों और परिचय-पत्र धारी हैं।

यह योजना संपूर्ण मध्यप्रदेश में लागू है। प्रसव के समय महिला हिताधिकारी की आयु 20 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। प्रसूति हितलाभ अधिकतम दो बार के प्रसव के लिए देय होगा। हिताधिकारी महिला श्रमिक को गर्भावस्था की अंतिम तिमाही में कुल 12 सप्ताह की अवधि के लिए उसके द्वारा प्राप्त किये जा रहे वेतन का पचास प्रतिशत भुगतान प्रसूति हितलाभ के रूप में किया जायेगा।

प्रसूति के बाद हिताधिकारी को 1000 रुपये चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए अतिरिक्त भुगतान किया जायेगा। प्रसूति के दौरान बीमारी या अन्य चिकित्सीय जटिलता के कारण अधिकतम 1000 रुपये प्रतिमाह की दर से पृथक से अतिरिक्त हितलाभ भी दिया जायेगा। हिताधिकारी पुरुष श्रमिक को, उसके मासिक औसत वेतन की दर से 15 दिन के पितृत्व प्रसूति हितलाभ की पात्रता भी होगी।

हिताधिकारी महिला श्रमिक द्वारा निर्धारित प्रपत्र में स्थानीय श्रम कार्यालय में आवेदन भरकर जमा कराना होगा।

विवाह सहायता योजना

पंजीबध्द महिला निर्माण श्रमिक के स्वयं के विवाह या पुनर्विवाह के लिये व दो पुत्रियों के विवाह के लिये 1000 रुपये प्रति विवाह सहायता प्रदान की जाती है। योजना के लिये जिले में पदस्थ सहायक श्रमायुक्त#श्रम निरीक्षक से संपर्क किया जा सकता है।

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