dhan ki kheti

धान की फसल में उर्वरकों का संतुलित प्रयोग एवं विधि

उर्वरकों का प्रयोग मृदा परीक्षण के आधार पर ही करना उपयुक्त है। यदि किसी कारणवश मृदा का परीक्षण न हुआ तो उर्वरकों का प्रयोग निम्न प्रकार किया जायः स्थितिः सिंचित दशा में रोपाई (क) अधिक उपजदानी प्रजातियां : उर्वरक की मात्राः किलो/हेक्टर क्र०सं० प्रजातियां नत्रजन फास्फोरस पोटाश (क) शीघ्र पकने वाली 120 60 60 प्रयोग […]

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सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह Advisory for Soybean Farmers

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए बरती जाने वाली सावधानियां: खेत संचालन करते समय, नहीं 4 से अधिक व्यक्तियों को इकट्ठा करें और लगभग 1 मीटर की सामाजिक दूरी सुनिश्चित करें। व्यक्तियों या मजदूरों को सलाह दें सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षणों के लिए चिकित्सा उपचार लें। खेत संचालन करते समय, कृपया सुरक्षात्मक मास्क का […]

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paddy farming

धान की खेती कैसे करे धान की खेती की संपूर्ण जानकारी

धान की फसल में महावार महत्वपूर्ण कार्य बिन्दु – नर्सरी डालना : मई १ पंत-४ सरजू-५२ आई.आर.-३६ नरेन्द्र ३५९ आदि।२ धान के बीज शोधन बीज को १२ घन्टे पानी मे भिगोकर तथा सुखाकर नर्सरी में बोना। जून १ धान की नर्सरी डालना। सुगन्धित प्रजातियां शीघ्र पकने वाली।२ नर्सरी में खैरा रोग लगने पर जिंक सल्फेट […]

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फरवरी – मार्च में करें इन सब्जियों की बुवाई होगा अच्छा मुनाफा

फरवरी महीने से जायद की फसलों की बुवाई का समय शुरू है। इन फसलों की बुवाई मार्च तक चलती है। इस समय बोने पर ये फसलें अच्छी पैदावार देती हैं। इस मौसम में खीरा, ककड़ी, करेला, लौकी, तोरई, पेठा, पालक, फूलगोभी, बैंगन, भिण्‍डी, अरबी जैसी सब्ज़ियों की बुवाई करनी चाहिए। खीरा : खीरे की खेती […]

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नींबू वर्गीय बागों में पोषक तत्वों की कमी के लक्षण एवं उनके निदान के उपाय

नींबू वर्गीय बागों लेमन, माल्टा, संतरा, नींबू और मौसमी आदि में पोषक तत्वों (खाद और उर्वरक) का प्रयोग संस्तुतियों के आधार पर करना चाहिए| नींबू वर्गीय बागों में प्रयोग की जाने वाली पोषक तत्वों की मात्रा मिटटी की किस्म, उर्वरता, अंतरवर्ती फसल और उसमें की गई कृषि-क्रियाएँ एवं नींबू वर्ग की उगाई जाने वाली किस्म, […]

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कीट प्रबंधन – मक्का

कीट कॉलाम्बा लिविया प्रचलित नाम ब्लू कॉक पीजन पैराकीट क्रो क्षति आई.पी. एम नियंत्रण कीट रोपालोसिफम माइडिस प्रचलित नाम माहू क्षति आई.पी. एम नियंत्रण कीट चिलो पारटुलस प्रचलित नाम धारीदार तना छेदक कीट क्षति आई.पी. एम नियंत्रण कीट सेसेमिया इनफेरेन्स प्रचलित नाम गुलाबी तना छेदक क्षति आई.पी. एम नियंत्रण कीट पल्यूशिया एक्यूटा प्रचलित नाम पल्यूशिया […]

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कीट प्रबंधन – सोयाबीन

कीट प्रबंधन – सोयाबीन कीट मेलेनाग्रोमाईज़ा सोजे प्रचलित नाम तना मक्खी क्षति आई.पी. एम. नियंत्रण कीट लेप्रोसिमा इडिकेटा प्रचलित नाम पत्ता मोडक ( लीफ फोल्डर ) क्षति आई.पी. एम. नियंत्रण कीट डेक्टीस टेकसान्स टेकसान्स प्रचलित नाम तनाछेदक क्षति आई.पी. एम. नियंत्रण कीट स्पोडोपेटरा लिटुरा प्रचलित नाम तम्बाखू इल्ली क्षति आई.पी. एम. नियंत्रण कीट एफिड प्रचलित […]

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रोग प्रबंधन - सिंचित धान

रोग प्रबंधन – सिंचित धान

माहू (फुदका) धान की फसल पर भूरा माहू, सफेद पीठ वाला माहू तथा हरा माहू का प्रकोप देखा जाता है। यह कीट पौधों से रस को चूसते है जिससें पौधों की वृद्धि तथा विकास प्रभावित होता है। भूरा माहू, धान के तने के निचले भाग में, पानी की सतह के उपर मौजूद रहकर पौधें से […]

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कीट प्रबंधन - सिचित धान

कीट प्रबंधन – सिंचित धान

कीट – ट्राईपोराइज़ा इंसर्टुलस प्रचलित नाम – तना छेदक क्षति आई.पी. एम कीट अवरोधी प्रजातियों जैसे रत्ना,जयश्री, दीप्ती, साकेत, विकास इत्यादि की बुआई करें। नत्रजन युक्त उर्वरकों का उचित व संतुलित मात्रा में उपयोगकरें। कीट नियंत्रण अपनाए। गर्मी में गहरी जुताई करें। समय से पूर्व या समय पर रोपाई/बुआई करें। स्वस्थ नर्सरी का विकास करें […]

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कैसे करें आम की खेती

परिचय भारतवर्ष का सर्वसुलभ एवं लगभग हर प्रान्त में आसानी से उगाया जा सकने वाला फल आम हैं। इसके स्वाद, सुवास एवं रंग-रूप के कारण इसे फलों का राजा कहा जाता हैं। उत्पादन एवं क्षेत्रफल दोनों की दृष्टि से आम भारत का प्रमुख फल है। विश्व के कुल आम उत्पादन का लगभग 43.4 प्रतिशत भाग […]

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