इस्तीफे पर मोदी ने नीतीश को बधाई दी, इन 5 मुद्दों पर केंद्र के साथ खड़े रहे नीतीश

1. रामनाथ कोविंद का सपोर्ट किया
NDA ने बिहार के गवर्नर रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया था। तब नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग जाकर कोविंद को सपोर्ट देने का एलान कर दिया था। मुद्दा दलित VS दलित बनाने के लिए विपक्ष ने पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को कोविंद से सामने उतारा था। कांग्रेस ने मीरा को बिहार की बेटी बताकर जेडीयू से सपोर्ट मांगा, लेकिन नीतीश अपने फैसले पर कायम थे। तब उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बिहार की बेटी को हारने के लिए चुनाव में खड़ा किया है। राष्ट्रपति चुनाव से पहले नीतीश मोदी के डिनर के लिए दिल्ली भी गए थे। बता दें कि बिहार में जेडीयू-आरजेडी के साथ कांग्रेस भी महागठबंधन में शामिल है।
2. नोटबंदी के फैसले की तारीफ की
मोदी सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी का एलान किया था। इस फैसले के बाद 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट चलन से बाहर हो गए थे। नीतीश ने केंद्र सरकार के इस फैसले को बड़ा आर्थिक सुधार बताकर तारीफ की थी। उन्होंने कहा था- ”केंद्र के फैसले को हमारा स्वागत और समर्थन है। मैं नोटबंदी का हिमायती हूं। इससे देश की अर्थव्यवस्था को बहुत फायदा होगा।
3. सरकार बेनामी प्रॉपर्टी वालों पर हमला करे  
 मोदी सरकार ने बेनामी प्रॉपर्टी कानून बनाया। नीतीश इसे लेकर भी केंद्र के साथ दिखे। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार को जल्द ही बेनामी संपत्ति पर हमला करना चाहिए। आम आदमी मेहनत करे और कालाधन वाले मौज करें, इस पर लगाम लगनी ही चाहिए।
4. नीतीश ने कहा था- जीएसटी आर्थिक सुधार   
मोदी सरकार ने टैक्स व्यवस्थाओं में सुधार के लिए जीएसटी लागू कर दिया है। गैर-बीजेपी शासित कई राज्यों की सरकारें जीएसटी के विरोध में थे, लेकिन नीतीश इसके साथ खड़े हुए। उन्होंने कहा था कि मैंने हमेशा जीएसटी का सपोर्ट किया। NDA में रहते हुए भी हमने UPA के समय इसका समर्थन किया था। अब भी कर रहे हैं। यह देश और राज्यों के हित में है।
5. सर्जिकल स्ट्राइक की तारीफ की 
 इंडियन आर्मी ने पिछले साल पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों के ठिकाने ध्वस्त किए थे। केजरीवाल, कांग्रेस समेत कई पार्टियों के नेताओं ने मोदी सरकार से इसके सबूत मांगे। तब नीतीश ने इसकी तारीफ में कहा था कि सेना ने एलओसी पर आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। आर्मी को बधाई। हमें सेना पर गर्व है और हम उसके शौर्य और पराक्रम की सराहना करते हैं। आतंकवाद और उसे पनाह देने वालों के खिलाफ केंद्र कड़ी कार्रवाई करे। हम उसके साथ हैं।
कैसे शुरू हुआ गठबंधन में विवाद?
 सीबीआई ने 5 जुलाई को लालू, राबड़ी और के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। 7 जुलाई को सुबह CBI ने लालू से जुड़े 12 ठिकानों पर छापे मारे थे। जांच एजेंसी के मुताबिक 2006 में जब लालू रेलमंत्री थे, तब रांची और पुरी में होटलों के टेंडर जारी करने में गड़बड़ी की गई।
इसके बाद तेजस्वी के इस्तीफे की मांग उठने लगी। मामला तब गरमा गया जब नीतीश कुमार की अगुआई में इस मसले पर 11 जुलाई को जेडीयू की अहम बैठक हुई।
इससे पहले मई से ही लालू और उनके परिवार के खिलाफ 1000 करोड़ की बेनामी प्रॉपर्टी के आरोपों की इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जांच कर रहा था। मीसा और उनके पति के ठिकानों पर भी छापे मारे जा चुके थे।

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