महिला-बाल विकास-लाड़ली लक्ष्मी योजना,मंगल दिवस योजना

लाड़ली लक्ष्मी योजना- राज्य शासन द्वारा बालिकाओं के शैक्षणिक स्तर तथा आर्थिक स्तर में सुधार तथा उनके अच्छे भविष्य की आधारशिला रखने के उद्देश्य लाड़ली लक्ष्मी योजना प्रारंभ की जा चुकी है।

योजना का स्वरूप एवं कार्यक्षेत्र- यह योजना 1.1.06 के पश्चात जन्म लेने वाली बालिकाओं के लिये है। जिसके माता पिता ने दो जीवित बच्चों के रहते हुए परिवार नियोजन अपना लिया हो तथा जो आंगनबाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत हो और आयकरदाता न हों।

योजना का लाभ- इस योजना के तहत बालिका के पक्ष में प्रतिवर्ष 6000#- रुपये लगातार पाँच वर्षों तक कुल रुपये 30000#- के एनएससी क्रय किये जायेंगे। कक्षा छटवीं में प्रवेश पर दो हजार रुपये, कक्षा नौवीं में प्रवेश पर चार हजार रुपये, कक्षा ग्यारहवीं में प्रवेश पर सात हजार पाँच सौ रुपये तथा ग्यारहवीं एवं बारहवीं में पढ़ाई के समय दो वर्ष तक दो सौ रुपये प्रतिमाह दिये जायेंगे। बालिका के 21 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर एवं 18 वर्ष के पूर्व विवाह न करने पर तथा 12वीं कक्षा की परीक्षा में सम्मिलित होने पर एकमुश्त राशि का भुगतान किया जावेगा। इस प्रकार भुगतान की गई राशि एक लाख रुपये से अधिक की होगी।

संपर्क- निकट की आंगनबाड़ी या जिला महिला बाल विकास कार्यालय से संपर्क करें।

मंगल दिवस योजना

पोषण आहार योजना अंतर्गत वर्ष 2007-2008 से मंगल दिवस योजना अंतर्गत नवीन कार्यक्रम क्रमश: प्रथम मंगलवार को गोद भराई, द्वितीय मंगलवार को अन्नप्राशन, तृतीय मंगलवार को जन्म दिवस कार्यक्रम एवं चतुर्थ मंगलवार को किशोरी बालिका दिवस के रूप में आयोजित किये जायेंगे। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य आंगनबाड़ी केन्द्र पर बच्चों की उपस्थिति बढ़ाना, सुरक्षित प्रसव, मातृ मृत्युदर एवं शिशु मृत्युदर में कमी, बच्चों में कुपोषण को कम करना तथा किशोरी बालिकाओं की उचित देखभाल करना है। गोदभराई कार्यक्रम में गर्भवती महिला की गोद भरकर उसे स्वास्थ्य एवं पोषण की समझाईश देना, 6 माह के होने पर बच्चे को माँ के दूध के साथ ऊपरी आहार की शुरूआत कराना, किशोरी बालिकाओं को आयरन फोलिक एसिड एवं डी-वर्मिंग गोलियों का वितरण तथा आर्थिक स्वाबलम्बन का प्रशिक्षण दिया जाता है।

संपर्क- निकट की आंगनबाड़ी या जिला महिला बाल विकास कार्यालय से संपर्क करें।

अति गरीब महिलाओं को प्रसव पूर्व सहायता
राशि के लिये योजना (गोद भराई)

उद्देश्य- अति गरीब महिलाओं को प्रसव के पूर्व आर्थिक सहायता के लिये यह योजना तैयार की गई है। इस योजना का उद्देश्य अति गरीब महिलाओं को प्रसव के पूर्व स्वयं की देखभाल और प्रसव के लिये होने वाले व्यय की कुछ हद तक प्रतिपूर्ति की जाना है।

योजना का स्वरूप और कार्यक्षेत्र- अति गरीब महिलाओं को प्रथम दो जीवित बच्चों के प्रसवों तक प्रति प्रसव रुपये 500#- प्रसव पूर्व आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना। योजना का कार्यक्षेत्र संपूर्ण मध्यप्रदेश है।

पात्र हितग्राही- योजना की सहायता के लिये पात्रता निम्नानुसार निर्धारित है-

1. गर्भवती महिला की आयु 19 वर्ष या अधिक हो।
2. सहायता राशि केवल प्रथम दो जीवित बच्चों के प्रसवों तक देय होगी।
3. गर्भवती महिला का परिवार गरीबी रेखा के नीचे अत्यंत गरीब हो एवं अति गरीब के लिये पूर्व कराये गये सर्वेक्षण में पंजीकृत हो अथवा पीला राशन कार्डधारी हो।
4. सहायता राशि 500 रुपये होगी, जो यथा संभव प्रसव के छ: माह पूर्व दी जावेगी।

सम्पर्क- निकट के आंगनवाड़ी केन्द्र या बाल विकास परियोजना अधिकारी#जिला महिला बाल विकास अधिकारी से सम्पर्क करें।

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