टाइफाइड साल्मोनेला बैक्टीरिया से फैलने वाली एक बहुत ही खतरनाक बिमारी है। टाइफाइड पाचन तंत्र और ब्लडस्ट्रीम में बैक्टीरिया के इंफेक्शन की वजह से होता है। गंदे पानी, संक्रमित जूस या पेय के साथ साल्मोनेला बैक्टीरिया हमारे शरीर के अन्दर प्रवेश कर जाता है।
शायद आपको पता नहीं कि टाइफाइड का बैक्टीरिया पानी या सूखे मल में हफ्तों तक जिंदा रहता है। इस तरह से दूषित पानी या खाद्य पदार्थों के जरिए शरीर में पहुँचकर संक्रमण पहुँचाता है। टाइफाइड की संभावना किसी संक्रमित व्यक्ति के जूठे खाद्य-पदार्थ के खाने या पीने से भी हो सकती है। वहीं दूषित खाद्य पदार्थ के सेवन से भी यह संक्रमण हो जाता है। पाचन तंत्र में पहुँचकर इन बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है। यह बैक्टीरिया शरीर के अन्दर ही ये बैक्टीरिया एक अंग से दूसरे अंग में पहुँच जाते हैं।
टाइफाइड क्या है (What is Typhoid)
आमतौर पर प्रदूषित पानी पीना व संक्रमित और बासी भोजन का सेवन करना टाइफाइड होने की मुख्य वजह है। वात, पित्त, कफ तीनों दोषों के प्रकोप से टाइफाइड होता है। टाइफाइड एक संक्रामक रोग है। इसी कारण घर में किसी एक सदस्य को टाइफाइड होने पर घर के अन्य सदस्यों से भी इसके होने से खतरा होता है। मौसम में बदलाव और कुछ गलत आदतों के कारण इस बुखार के वायरस बहुत परेशान करते हैं। टाइफाइड तेज बुखार से जुड़ा रोग है जो सेलमोनेला टाइफाई बैक्टीरिया द्वारा फैलता है। यह बैक्टीरिया खाने या पानी से मनुष्य द्वारा एक जगह से दूसरी जगह अन्य लोगों तक पहुँचाता है।
नहाने से मनुष्य का शरीर दृढ़ और मजबूत हो जाता है। उसे ताजगी की अनुभूति होती है। त्वचा फ्रेश एवं खूबसूरत दिखती है। टाइफाइड में रोगी जब तक थकान या आलस्य महसूस न करे और स्वयं उठकर नहाने योग्य हों तो उसे गरम पानी से स्नान करना चाहिए। यदि रोगी स्वयं उठकर स्नान न कर पाए तो उसके शरीर में स्पौंजिंग करनी चाहिए। नहाने और स्पौंजिंग के लिए हमेशा गर्म पानी का उपयोग करें। पसीना आने से बुखार कम हो जाता है।
टाइफाइड होने के कारण (Causes of Typhoid)
टाइफाइड बुखार साल्मोनेला टाईफी बैक्टीरिया से संक्रमित भोजन या पानी के सेवन से होता है, या इस बैक्टीरिया से ग्रस्त व्यक्ति के निकटतम सम्पर्क से टाइफाइड की संभावना किसी संक्रमित व्यक्ति के जूठे खाद्य पदार्थ के खाने-पीने से भी होता है। वहीं दूषित खाद्य पदार्थ से भी ये संक्रमण हो जाता है। पाचन तंत्र में पहुँचकर इन बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है। शरीर के अन्दर यह बैक्टीरिया एक अंग से दूसरे अंग में पहुँचते हैं।
टायफाइड के लक्षण (Symptoms of Typhoid)
टायफायड होने पर बुखार के अलावा निम्न लक्षण भी नजर आते हैं :
- –बुखार या ज्वर टाइफाईड का प्रमुख लक्षण है।
- -जैसे-जैसे संक्रमण बढ़ता जाता है वैसे-वैसे ही भूख कम हो जाती है।
- -टाइफाइड से ग्रसित को सिर दर्द होता है।
- -शरीर में वेदना होना।
- -ठण्ड की अनुभूति होना।
- -सुस्ती एवं आलस्य का अनुभव होना।
- -कमजोरी का अनुभव होना।
- -दस्त होना।
- -आमतौर पर टाइफाइड से ग्रसित व्यक्ति को 102-104 डिग्री से ऊपर बुखार रहता है।
- -बड़े बच्चों में कब्ज तथा बच्चों में दस्त भी हो सकता है।
टाइफाइड से बचाव के उपाय (How to prevent Typhoid)
आम तौर पर भोजन और जीवनशैली के असर के कारण भी टाइफाइड होता है। इसके लिए आहार और जीवनशैली में थोड़ा बदलाव लाने की जरूरत होती है। जैसे-
आहार में बदलाव
- -प्याज, लहसुन आदि तीव्र गंधि खाद्य पदार्थों से दूर रहें।
- -सभी मसाले जैसे कि मिर्च, सॉस, सिरका आदि से दूर रहें।
- -गैस बनाने वाले आहार जैसे- अनानास, कटहल आदि।
- -उच्च रेशेदार युक्त आहार, सब्जियाँ जिनमें उच्च मात्रा में रेशा, अघुलनशील रेशा हो जैसे-केला, पपीता, शक्करकन्द, साबुत अनाज।
- -मक्खन, घी, पेस्ट्री, तले हुए आहार, मिठाईयाँ सभी को बिल्कुल नहीं खाना चाहिए।
- -बाजार की बनी हुई चीजें न खायें।भारी भोजन न करें।
- -मांसाहारी भोजन न करें।
- -पेट भरकर कुछ भी न खायें।
- -ऐसा भोजन न करे जो देर से पचता हो।
- -चाय, कॉफी, दारु-शराब, सिगरेट के सेवन का टाइफाइड में परहेज करें।
जीवनशैली में बदलाव :
- –उचित स्वच्छता बनाये रखें।
- -अपने हाथों को गर्म साबुन युक्त पानी से धोएं।
- -साफ उबला पानी पीएं, या केवल बोतल बंद पानी पिएं।
- -कच्चा आहार न लें।
- -उचित तरीके से पका भोजन गरमा-गरम ही खा लें।
- -बाहरी दुकानों से पेय पदार्थ और खाद्य पदार्थ न लें।
- -संक्रमित व्यक्तियें को घरेलू कार्यों से दूर रखें।
- -संक्रमण को रोकने के लिए संक्रमित व्यक्ति के व्यक्तिगत उपयोग की वस्तुओं को उचित प्रकार से स्वच्छ करें।
- -पानी को स्वच्छ करना, कूड़े-कचरे का निपटान सही तरीके से करना और प्रदूषण मुक्त भोजन वितरण ये सभी जन-स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
- -संक्रमित व्यक्तियों को अपने बर्तन और भोजन किसी से भी न बांटे।
- -संक्रमित व्यक्तियों को भोजन भी नहीं पकाना चाहिए।
- -कच्चे फल और सब्जियाँ खाने से बचें।
- -ज्यादातर गर्म खाद्य-पदार्थों का सेवन करें।
- -संग्रहित खाद्य-पदार्थों से बचें।
- -घर की चीजों को नियमित रूप से साफ करें।
- -टाइफाइड के लिए दो वैक्सीन उपलब्ध हैं- इंजेक्शन लगवा लें।
टाइफाइड से बचने के घरेलू उपाय (Home remedies for Typhoid)
आम तौर पर टाइफाइड से राहत पाने के लिए लोग पहले घरेलू नुस्खें आजमाते हैं। चलिये जानते हैं कि ऐसे कौन-कौन-से घरेलू उपाय हैं जो टाइफाइड दूर करने में सहायता करते हैं-
फलों का रस टाइफाइड के लक्षणों से दिलाये आराम (Fruit juice help to hydrate during Typhoid)
टाइफाइड जैसे रोग अक्सर डिहाइड्रेशन का कारण बनते हैं, इसलिए रोगी को कुछ-कुछ समय बाद तरल पदार्थ जैसे पानी, ताजे फल के रस, हर्बल चाय आदि का सेवन करें। उबला और उचित तरीके से उबला हुआ पानी पीएं। केवल उबला आहार लें और बाहरी खाने से परहेज करें।
तुलसी टाइफाइड के लक्षणों से दिलाये राहत (Tulsi helps to relieve from Typhoid)
तुलसी और सूरजमुखी के पत्तों का रस निकालकर पीने से टाइफाइड में राहत मिलती है।
सेब का रस टाइफाइड में दिलाये आराम (Apple juice help to get relief from Typhoid)
सेब का जूस निकालकर इसमें अदरक का रस मिलाकर पिएं, इस तरह के बुखार में राहत मिलती है।
टाइफाइड में फायदेमंद है लौंग (Colve help to heal Typhoid)
लौंग में टाइफाइड ठीक करने के गुण होते हैं। आठ कप पानी में 5 से 7 लौंग डालकर उबाल लें। जब पानी आधा रह जाए इसे छान लें। इस पानी को पूरा दिन पीएं। इस उपचार को एक हफ्ते लगातार करें।
लहसुन टाइफाइड में फायदेमंद (Garlic helps to ease Typhoid)
लहसुन की तासीर गर्म होती है और यह प्राकृतिक एंटीबायोटिक है। घी में 5 से 7 लहसुन की कलियां पीसकर तलें और सेंधा नमक मिलाकर खाएं।
ठंडे पानी की पट्टी टाइफाइड के बुखार में लाभकारी (Cold compress help to get relief from Typhoid)
टाइफाइड में पीड़ित को हाई फीवर रहता है, यह कई दिनों तक बना रहता है, ऐसे में यह जरूरी है कि हम रोगी के शरीर का तापमान सामान्य बनाए रखें, इसलिए ठण्डे पानी की मदद ले सकते हैं। रोगी के माथे, पैर और हाथों पर ठण्डे पानी की पट्टियां रखनी चाहिए।
शहद टाइफाइड में फायदेमंद (Honey help to ease Typhoid)
गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पीना टाइफाईड में अत्यन्त हितकारी होता है।
दवा समय पर लें (Take medication to ease Typhoid)
डॉक्टर ने जितने समय के लिए एंटीबायोटिक कहे हों उतने समय तक लें।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए (When to see a Doctor)
टाइफाइड एक संक्रामक रोग है। यदि आपको तेज बुखार पेट में दर्द, कमजोरी और टाइफाइड सम्बन्धित कोई भी लक्षण अनुभव होना शुरु हो जाए तो जल्द से जल्द डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। डॉक्टर के पास जाने में विलम्ब न करें अन्यथा यह एक गम्भीर रोग में परिवर्तित हो सकता है, जैसे- आंत्र में शोथ। समय पर चिकित्सा न करने पर क्षत बढ़कर आंत्र में छेद कर देते हैं व उदर की कला में शोथ उत्पन्न हो जाता है। अधिक क्षत बढ़ने पर कभी-कभी मल त्याग के समय रक्तस्राव होने लगता है।
आचार्य श्री बालकृष्ण (August 28,2019)
Source: 1mg.com