कूड़े से धन की चेतना जागृत करना जरूरी

कूड़े से आजीविका के नवाचारों में सरकार वित्तीय सहयोग देगी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कूड़ा-धन पुस्तक का विमोचन किया

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कूड़े से धन की चेतना जागृत करना जरूरी है। उन्होंने युवाओं का आव्हान किया है कि कूड़े से आजीविका के नवाचार करें। उनके प्रयासों में सरकार वित्तीय सहयोग भी करेगी। आवश्यकता होने पर पृथक फंड का गठन भी किया जायेगा। श्री चौहान आज राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित पत्रकार श्री दीपक चौरसिया की पुस्तक कूडा-धन के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हर वस्तु उपयोगी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता के संकल्प को प्रदेश सरकार ने पूरी गंभीरता से क्रियान्वित किया है। कूड़े के बेहतर उपयोग के लिये 26 क्लस्टर बनाकर विद्युत उत्पादन का प्रयास किया गया है। भोपाल और जबलपुर नगर निगम में उत्पादन शुरू भी हो गया है। सभी 376 नगरीय निकायों में सीवरेज सिस्टम बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कचरे के उपयोग के लिये उद्यमिता को प्रोत्साहित किया जायेगा। युवा उद्यमी योजना में कूड़ा-प्रबंधन की परियोजना को वित्तीय सहयोग के लिये जरूरत होने पर राशि को रिजर्व भी किया जा सकता है। उन्होंने पुस्तक के लेखक के प्रयासों की सराहना की और समाज के लिये उपयोगी चिंतन के लिये साधुवाद दिया।

महापौर श्री आलोक शर्मा ने स्वच्छता कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने में मध्यप्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बताया। उन्होंने कहा कि भोपाल नगर निगम में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिये सभी स्तरों पर प्रयास किये गये हैं। सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग एकत्रित किया जा रहा है। भोपाल में सूखे कचरे से विद्युत और गीले कचरे से खाद बनाई जा रही है।

राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति श्री सुनील कुमार ने पुस्तक से जुड़े प्रसंगों पर चर्चा करते हुये कहा कि कोई भी वस्तु अनुपयोगी नहीं होती है। जरूरत उसके उचित उपयोग की है। इस बात को प्रभावी तरीके से पुस्तक में प्रस्तुत किया गया है। कूड़ा-प्रबंधन चिंतनीय विषय है। प्रयास अभी से किये जाना जरूरी है।

पुस्तक के लेखक श्री दीपक चौरसिया ने पुस्तक के उददेश्य पर प्रकाश डालते हुए कूड़ा प्रबंधन पर चिंतन की प्रक्रिया को तेज करने और भविष्य के खतरों के प्रति आगाह करने का प्रयास किया है। आभार प्रदर्शन पुस्तक के प्रकाशक श्री प्रभात कुमार ने किया।

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