कृषक ओमप्रकाश को सब्जी और मसाला फसलों की खेती ने बनाया मालामाल

प्रति एकड़ डेढ़ लाख से अधिक की सालाना आमदनी

कृषक ओमप्रकाश को सब्जी और मसाला फसलों की खेती ने मालामाल कर दिया है। सीहोर जिले की नसरुल्लागंज तहसील के ग्राम निमोरा के कृषक ओमप्रकाश जाट को 25 एकड़ खेती से सालाना 30 से 40 लाख की आय हो रही है। उन्हें धनिया की खेती से 4 लाख, मिर्ची से 20 से 25 लाख और करेले की खेती से 30 से 35 लाख मिलते हैं। खर्च निकाल कर लगभग 30 से 40 लाख शुद्ध आय हो रही है। कृषक ओमप्रकाश ने खेती की नई तकनीक का उपयोग कर खेती से आय को चार गुना करने में सफलता प्राप्त की है।

खेती को लाभ का धंधा बनाने और किसानों की आय को दोगुना करने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा अनेक योजनाएँ चलाई जा रही है। इसमें परंपरागत खेती के साथ उद्यानिकी फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

कृषक श्री ओमप्रकाश ने बताया कि उनके पास 25 एकड़ जमीन है, जिसमें वे पहले गेहूँ, चना एवं सोयाबीन की खेती करते थे। समय के साथ इन फसलों के उत्पादन में कमी आने तथा लागत में वृद्धि के चलते उन्हें एक वर्ष में 8 से 10 लाख रुपए की आमदानी ही प्राप्त होती थी। खेती से आमदनी बढ़ाने के लिए ओमप्रकाश को कृषि विभाग द्वारा सब्जी की खेती करने का सुझाव दिया गया।

कृषक ओमप्रकाश ने इस वर्ष 5 एकड़ में मिर्ची और 6 एकड़ भूमि में करेला लगाया। मिर्च की दो किस्मों के 61 हजार पौधे लगाये। ड्रिप इरीगेशन, मल्चिंग, पौध संरक्षण और दवाईयों पर कुल 7 लाख 50 हजार रूपये खर्च आया। ओमप्रकाश ने बताया कि अभी तक 1000 क्विंटल मिर्च का उत्पादन किया जा चुका है एवं 500 क्विंटल का और अनुमान है। इस प्रकार मिर्च से उन्हें 20 से 25 लाख का उत्पादन होने की संभावना है। अभी तक 15 लाख का उत्पादन ओमप्रकाश द्वारा लिया जा चुका है।

किसान ओमप्रकाश ने 50 हजार रूपये की लागत से 3 एकड़ में धनिया लगाया, जिसमें 450 क्विंटल हरा धनिया 4.5 लाख का बेच दिया हैं। उन्हें 6 एकड़ के करेले में फसल आने के बाद 30 से 35 लाख का उत्पादन होने की संभावना है। ओमप्रकाश ने 5 एकड़ में प्याज लगाई है, जिसका 700 क्विंटल उत्पादन होने की संभावना है। इस प्रकार 20 एकड़ में 50 से 70 लाख का उत्पादन संभावित है, जिससे 30 से 40 लाख शुद्ध आय प्राप्त होगी। किसान ओमप्रकाश किसानों के लिये प्रेरणा स्रोत बन गये हैं। उन्होंने खेती को चार गुने लाभ का धंधा बनाया है।

स्रोत मप्र जनसंपर्क विभाग

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