कृषि यंत्रीकरण की प्रोत्साहन की राज्य योजना

यह राज्य की योजना है जिसे वर्ष 2012-13 में प्रारंभ किया गया है।

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योजना के उद्देश्य
 प्रदेश कृशि यंत्रीकरण के नये दौर में प्रवेश कर चुका है जिसमें एक ओर कृषकों को अच्छी गुणवत्ता के कृषि यंत्र उपलब्ध कराने की चुनौती है तथा दूसरी ओर कमजोर वर्ग के कृषकों हेतु कस्टम हायरिंग सुविधाओं के विस्तार की आवश्यकता है।प्रदेश के उन क्षेत्रों में जहां विशेष समस्या विद्यमान है अथवा किसी विशेष फसल या प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जाना है उनके लिये विशेष कृषि यंत्रों तथा तकनीकों का प्रयोग बढ़ाया जाना आवश्यक है। इस सभी उद्‌देश्यों की पूर्ति हेतु इस योजना को संचालित किया जा रहा है।
घटक एवं अनुदान पैटर्न
योजनांतर्गत दो उपयोजनायें है –
उपयोजना – 1. कृषकों को चिन्हित शक्ति चलित कृषि यंत्रों के क्रय पर विशेष अनुदान – शासन द्वारा विशेष कृषि क्रियाओं हेतु अथवा कृषकों की विशेष समस्याओं के निराकरण हेतु चिन्हित शक्ति चलित कृषि यंत्रों पर यह विशेष अनुदान दिया जायेगा। विशेष अनुदान चिन्हांकित शक्तिचलित कृषि यंत्रों पर अन्य योजनाओं में उपलब्ध अनुदान के अतिरिक्त देय होगा। वर्तमान में चयनित शक्तिचलित कृषि यंत्र एवं अनुदान निम्नानुसार है –

उपयोजना 2. – कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना हेतु सहायता
ऐसे निजी हितग्राही/प्राथमिक कृषि सहकारी संस्थायें जो कृषकों को कृषि कार्यो हेतु किराये पर मशीनें एवं यंत्र उपलब्ध कराकर सेवायें देने के लिये कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित करना चाहते है, उन्हें मशीनों एवं उन्नत तकनीक के यंत्रों की लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम राशि रू. 10 लाख तक का अनुदान दिया जायेगा।
(अ) निजी क्षेत्र में कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना हेतु सहायता  – इसके अंतर्गत 40 वर्ष आयुु तक के व्यक्ति इस योजना के अंतर्गत कस्टम हायरिंग केन्द्र की स्थापना कर सकेंगें। केन्द्र की स्थापना हेतु प्रकरण बनाकर बैंक से स्वीकृत कराया जाना होगा तथा अनुदान राशि भी बैंक के माध्यम से ही प्रदाय की जायेगी।
(ब) प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना हेतु सहायता – इसके अंतर्गत प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से ऋण प्राप्त कर कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित कर सकेंगी।

हितग्राही एवं पात्रता
उपयोजना – 1. कृषकों को चिन्हित शक्ति चलित कृषि यंत्रों के क्रय पर विशेष अनुदान –
1.   सभी श्रेणी के वे कृषक पात्र होंगे जिनके पास पूर्व से टे्रक्टर उपलब्ध है।
2.   रिज-फरो अटैचमेंट हेतु वे कृषक पात्र होंगें जिनके पास पूर्व से ही सीड ड्रिल/सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल है।
उपयोजना 2. – कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना हेतु सहायता
1    निजी क्षेत्र में कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना अंतर्गत 40 वर्ष आयुु तक के स्नातक व्यक्ति इस योजना के अंतर्गत कस्टम हायरिंग केन्द्र की स्थापना कर सकेंगें। कृषि अथवा कृषि अभियांत्रिकी स्नातकों को प्राथमिकता दी जायेगी।
2. प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से ऋण प्राप्त कर कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित कर सकेंगी।
आवेदन कैसे करें
उपयोजना-1 हेतु आवेदन अपने जिले के उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास कार्यालय में प्रस्तुत करे।
उपयोजना-2 हेतु निजी क्षेत्र के हितग्राहियों को उनके जिले से संबंधित संभागीय कृषि यंत्री को आवेदन प्रस्तुत किया जाना होगा। संचालनालय द्वारा साल में एक बार समाचार पत्रों में विज्ञापन दिये जाकर आवेदन प्राप्त किये जाते है। प्राप्त आवेदनों पर वर्ष में उपलब्ध लक्ष्य अनुसार कार्यवाही की जाती है।
वर्ष 2015-16 के लिये आवेदन आमंत्रित 

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