फसल हानि के लिये आर्थिक सहायता-राजस्व पुस्तक परिपत्र

( खण्ड छ: क्रमांक 4 का परिशिष्ट- 1)

उद्देश्य- प्राकृतिक प्रकोप से होने वाली विभिन्न प्रकार की हानि के लिये शासन द्वारा दी जाने वाली सहायता की राशि और उसके लिये निर्धारित मानदण्ड।

(1) फसल हानि के लिये आर्थिक सहायता
कुल खाते की धारित कृषि भूमि के आधार पर खातेदार # कृषक की श्रेणी-
लघु एवं सीमांत कृषक 0 हेक्टेयर से 2 हेक्टेयर तक कृषि भूमि धारित करने वाले कृषक # खातेदार को।

25 से 50 प्रतिशत फसल हानि होने पर दी जाने वाली अनुदान सहायता राशि- 1. वर्षा आधारित फसल के लिए 2000 रुपये , प्रति हेक्टयेर , 2. सिंचित फसल के लिए 3500 रुपये प्रति हेक्टेयर , 3. बारामाही (पेरीनियल) ( 6 माह से कम अवधि की) फसल के लिए 5000 रुपये प्रति हेक्टेयर , 4. बारामाही (पेरीनियल) ( 6 माह से अधिक अवधि की) फसल के लिए 7500 रुपये प्रति हेक्टेयर।

50 प्रतिशत से अधिक फसल हानि होने पर दी जाने वाली अनुदान सहायता राशि- 1. वर्षा आधारित फसल के लिए 3000 रुपये प्रति हेक्टेयर , 2. सिंचित फसल के लिए 7500 रुपये प्रति हेक्टेयर , 3. बारामाही (पेरीनियल) ( 6 माह से कम अवधि की) फसल के लिए 7500 रुपये प्रति हेक्टेयर , 4. बारामाही (पेरीनियल) ( 6 माह से अधिक अवधि की) फसल के लिए 10000 रुपये प्रति हेक्टेयर।

लघु एवं सीमांत कृषक से भिन्न कृषक- 2 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि धारित करने वाले कृषक # खातेदार को-

25 से 50 प्रतिशत फसल हानि होने पर दी जाने वाली अनुदान सहायता राशि- 1. वर्षा आधारित फसल के लिए 1500 रुपये प्रति हेक्टेयर , 2. सिंचित फसल के लिए 2500 रुपये प्रति हेक्टेयर , 3. बारामाही (पेरीनियल) ( 6 माह से कम अवधि की) फसल के लिए 3500 रुपये प्रति हेक्टेयर , 4. बारामाही (पेरीनियल) ( 6 माह से अधिक अवधि की) फसल के लिए 5000 रुपये प्रति हेक्टेयर।

50 प्रतिशत से अधिक फसल हानि होने पर दी जाने वाली अनुदान सहायता राशि- 1. वर्षा आधारित फसल के लिए 2500 रुपये प्रति हेक्टेयर , 2. सिंचित फसल के लिए 5000 रुपये प्रति हेक्टेयर , 3. बारामाही (पेरीनियल) ( 6 माह से कम अवधि की) फसल के लिए 5000 रुपये प्रति हेक्टेयर , 4. बारामाही (पेरीनियल) ( 6 माह से अधिक अवधि की) फसल के लिए 7500 रुपये प्रति हेक्टेयर।

फलदार पेड़ या उन पर लगी फसलें (क्रमांक 2 में उल्लेखित बगीचे # फसलें छोड़कर)

25 से 50 प्रतिशत फसल हानि होने पर दी जाने वाली अनुदान सहायता राशि- 1. फलदार पेड़ या उन पर लगी फसलें (क्रमांक 2 में उल्लेखित बगीचे फसलें छोड़कर) रु. 200 रुपये प्रति पेड़ , 2. संतरा , नींबू के बगीचे , पपीता , केला , अंगूर , अनार आदि की फसलें- रु. 4000 रुपये प्रति हेक्टेयर , 3. पान बरेजे आदि की हानि के लिए – 12000 रुपये प्रति हेक्टेयर या 500 रुपये प्रति पारी।

50 प्रतिशत से अधिक फसल हानि होने पर दी जाने वाली अनुदान सहायता राशि- 1. फलदार पेड़ 300 रुपये प्रति पेड़ , 2. संतरा , नींबू के बगीचे , पपीता , केला , अंगूर , अनार आदि की फसलें- 6000 रुपये प्रति हेक्टेयर , 3. पान बरेजे आदि की हानि के लिए – 20000 रुपये प्रति हेक्टेयर या 500 रुपये प्रति पारी।

(2) पशु # पक्षी (मुर्गी # मुर्गा) हानि के लिए आर्थिक सहायता

1. बैल # भैंस # घोड़ा- 6000 रुपये , 2. गाय – 3000 रुपये , 3. बकरी # भेड़ – 800 रुपये , 4. ऊंट – 6000 रुपये , 5. गधा – 2000 रुपये , 6. सुअर – 1500 रुपये , 7. भैंस , घोड़ा गाय , ऊंट का बच्चा – 1000 रुपये , 8. भेड़ , सुअर , गधा , बकरी का बच्चा 250 रुपये। 9. मुर्गी # मुर्गा ( 10 सप्ताह से अधिक आयु के)- 40 रुपये , चूजा ( 4 से 10 सप्ताह तक की आयु के) – 20 रुपये।

(3) नष्ट हुए मकानों के लिए आर्थिक अनुदान सहायता

पूर्ण नष्ट मरम्मत योग्य नहीं- 1. पक्का मकान- वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर अधिकतम 25000 रुपये , 2. कच्चा मकान – वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर अधिकतम 20000 रुपये। 3. झुग्गी # झोपड़ी (विधिसंगत निर्माण) – वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर 6000 रुपये।

गम्भीर रूप से क्षतिग्रस्त (जहाँ क्षति 50 प्रतिशत से अधिक हो)- 1. पक्का मकान- वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर अधिकतम 5000 रुपये , 2. कच्चा मकान – वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर अधिकतम 3000 रुपये। 3. झुग्गी # झोपड़ी (विधिसंगत निर्माण) – वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर 2000 रुपये।

आंशिक क्षतिग्रस्त (जहाँ क्षति 15 प्रतिशत से 50 प्रतिशत हो)- 1. पक्का मकान- वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर अधिकतम 2500 रुपये , 2. कच्चा मकान – वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर अधिकतम 1500 रुपये। 3. झुग्गी # झोपड़ी (विधिसंगत निर्माण) – वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर 1000 रुपये।

4. कपड़ों , बर्तनों एवं खाद्यान्न की क्षति के लिए आर्थिक अनुदान सहायता-

(1) प्राकृतिक प्रकोप या अग्नि दुर्घटना के कारण मकान नष्ट हो जाने या क्षतिग्रस्त हो जाने अथवा घरों में पानी घुस जाने से पीड़ित परिवार के कपड़े एवं खाघान्न गीले होकर क्षतिग्रस्त हो जाने पर दैनिक उपयोग के कपड़ों एवं बर्तनों की हानि के लिए प्रभावित परिवारों को प्रति परिवार को मान से रुपये 2000#- ( रुपये दो हजार मात्र) की आथिर्क अनुदान सहायता दी जाएगी। यह सहायता राशि मकान की हुई क्षति के लिए दी जाने वाली सहायता राशि के अतिरिक्त होगी।

(2) प्राकृतिक प्रकोप या अग्नि दुर्घटना के कारण मकान नष्ट हो जाने या क्षतिग्रस्त हो जाने अथवा घरों में पानी घुस जाने से पीड़ित परिवार के कपड़े एवं खाद्यान्न गीले होकर क्षतिग्रस्त हो जाने पर प्रभावित परिवारों को प्रति परिवार के मान से 50 किलोग्राम खाद्यान्न (गेहँ # चावल) एवं 5 लीटर केरोसीन तात्कालिक सहायता के रूप में दिया जायेगा। यह सहायता एक आपदा के प्रभावित परिवार को केवल एक बार ही दी जायेगी।

(5) मृत व्यक्ति के परिवार # निकटतम वारिस को आर्थिक सहायता अनुदान-

(1) नैसर्गिक विपत्तियों अर्थात् तूफान , भूकम्प , बाढ़ , ओलावृष्टि , भूस्खलन के साथ-साथ आकाशीय बिजली गिरने अथवा आग से पीड़ितों (खलिहान या मकान में आग लगने की दुर्घटना # वारिस को 100000#- ( रुपये एक लाख मात्र) रुपये की सहायता दी जाएगी।

(2) सर्प , गुहेरा या जहरीले जन्तु के काटने से अथवा नाव दुर्घटना से मृत्यु हो जाने पर अथवा बस या अधिकृत अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नदी या जलाशय में गिरने या पहाड़ी आदि से खड्ड में गिरने के कारण इन वाहनों पर सवार व्यक्यिों की मृत्यु होने पर मृत व्यक्ति के परिवार के निकटतम व्यक्ति # वारिस को 50000 रुपये (रुपये पचास हजार मात्र) की सहायता दी जाएगी।

(6) (1) शारीरिक अंग हानि के लिए आर्थिक सहायता-

( क) नैसर्गिक विपत्तियों अर्थात् तूफान , भूकम्प , बाढ़ , ओलावृष्टि , भूस्खलन के साथ-साथ आकाशीय बिजली गिरने अथवा आग (खलिहान या मकान में आग लगने की दुर्घटना को सम्मिलित करते हुए) के कारण महत्वपूर्ण अंग की हानि हुई है तो ऐसे पीड़ित व्यक्ति को 35000#- रुपये (रुपये पैतीस हजार मात्र) की अनुदान सहायता दी जाएगी।

( ख) नाव दुर्घटना से घायल हो जाने पर अथवा बस या अधिकृत अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नदी या जलाश्य में गिरने या पहाड़ी आदि से खड्ड में गिरने के कारण इन वाहनों पर सवार व्यक्तियों को महत्वपूर्ण अंग की हानि हुई है तो ऐसे पीड़ित व्यक्ति को 25000#- रुपये (रुपये पच्चीस हजार मात्र) की अनुदान सहायता दी जाएगी।

(2) गंभीर शारीरीक क्षति जिसमें व्यक्ति एक सप्साह से अधिक अस्पताल में भरती रहे-

नैसर्गिक विपत्तियों अर्थात् तूफान , भूकम्प , बाढ़ , ओलावृष्टि , भूस्खलन के साथ-साथ आकाशीय बिजली गिरने अथवा आग (खलिहान या मकान मं आग लगने की दुर्घटना को सम्मिलित करते हुए) के कारण अथवा नाव दुर्घटना से घायल हो जाने पर अथवा बस या अधिकृत अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नदी या जलाशय में गिरने या पहाड़ी आदि से खड्ड में गिरने के कारण इन वाहनों पर सवार व्यक्तियों को महत्वर्पूण अंग की हानि हुई है यथा हाथ , पैर फेक्चर जैसी गंगीर शारीरिक क्षति होने पर

7500 रुपये (रुपये सात हजार पांच सौ मात्र) तक आर्थिक सहायता स्वीकृत करेंगे।

(7) लावारिस शव के अंतिम संस्कार के लिए सहायता-

नैसर्गिक विपत्तियों के कारण हुई जनहानि के ऐसे मामलों में लावारिस शव प्राप्त होने पर ऐसे लावारिस शवों का अंतिम संस्कार के लिये 2000 रुपये (रुपये दो हजार) के मान से सहायता दी जाएगी।

(8) मृत पशुओं के निवर्तन की व्यवस्था-

नैसर्गिक विपत्तियों के कारण हुई पशुहानि के मामलों , मृत पशुओं के निवर्तन के लिए प्रति पशु 100 रुपये (रुपये एक सौ) की दर से या वास्तविक व्यय , इनमें से जो कम हो व्यय किया जा सकेगा।

(9) कुम्हार के भट्टे में ईट तथा खपरे बरबाद होने पर आर्थिक अनुदान सहायता-

कुम्हारों के भट्टे में ईट तथा खपरों के अलावा अन्य मिट्टी के बर्तन बरबाद होने पर हानि के मूल्यांकन के आधार पर 3000 रुपये (रुपये तीन हजार मात्र) तक सहायता अनुदान का भुगतान , हुई क्षति की मात्रा के अनुसार किया जाएगा।

(10) अग्नि या बाढ़ से प्रभावित दुकानदारों को सहायता-

(1) ऐसे छोटे दुकानदारों को , जिनकी दुकानें अग्नि दुर्घटना में या अतिवर्षा # बाढ़ के कारण नष्ट हो जाती है और दुकानों का बीमा नहीं हो तथा दुकानदार के पास दुकान के नष्ट हो जाने से जीविकोपार्जन के अन्य सभी साधनों से वार्षिक आय रुपये 35000#- ( रुपये पैतीस हजार) से अधिक न हो को-

( क) अधिकतम 6000 रुपये (रुपये छ: हजार) तक प्रति दुकानदार आर्थिक अनुदान सहायता दी जायेगी , और
(ख) 25000 रुपये (रुपये पच्चीस हजार ) तक ऋण स्वीकृत किया जा सकेगा।

(11) अस्थायी राहत कैम्पों में नि:शुल्क रहने एवं भोजन की व्यवथा-

प्राकृतिक प्रकोप या अग्नि दुर्घटना के कारण पीड़ितों को तत्काल राहत के रूप में अस्थायी कैम्पों में रखे जाने पर को चलाने के लिए प्रत्येक पीड़ित व्यक्ति के लिए प्रतिदिन 20#- रुपये (रूपये बीस मात्र) भोजन आदि की व्यवस्था के लिये व्यय किए जा सकेंगे।

(12) बाढ़ व तूफान से प्रभावित मछुआरों की दी जाने वाली सहायता-

बाढ़ व तूफान से प्रभावित मछली पकड़ने वालों की नावों (जो मशीन से संचालित न हों व जिनका बीमा न कराया गया हो)।

1. नाव नष्ट होने पर- क्षति के आंकलन के आधार पर अधिकतम 12000 रुपये (रुपये बारह हजार)
2. जाल या डोंगी नष्ट होने पर- क्षति के आंकलन के आधार पर अधिकतम 4000 रुपये (रुपये चार हजार)
3. जाल या अन्य उपकरणों की मरम्मत के लिए- क्षति के आंकलन के आधार पर अधिकतम 2000 रुपये (रुपये दो हजार)

13. कुएं या नलकूप के नष्ट होने पर दी जाने वाली सहायता-

प्राकृतिक प्रकोप से प्रायवेट (निजी) कुऑं या नलकूप यदि टूट-फूट या धंस जाता है तो उसके मालिक को हानि के आकलन के आधार पर अधिकतम 6000 रुपये तक सहायता अनुदान का भुगतान किया जा सकता है।

14. बैलगाड़ी तथा अन्य कृषि उपकरण नष्ट हो पर आर्थिक सहायता-

आग अथवा अन्य प्राकृतिक आपदा से कृषक की बैलगाड़ी अथवा अन्य कृषि उपकरण नष्ट हो जाने पर वास्तविक आंकलन के आधार पर अधिकतम रुपये 4000 रुपये तक अनुदान सहायता देय होगी।

 

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