हिंसा किसानो की समस्या का समाधान नही है |

हिंसा किसी भी किसान की समस्या का समाधान नही है ,

किसान अपनी बात शांति पूर्वक तरीके से आन्दोलन कर के भी रख सकती है|

आज हमारा देश दिन व दिन तरक्की करते जा रहा है , व्यापारी , नेता अपनी कमाई  को हजारो गुना कर रहे है | बस अगर पिछड़ा हुआ है तो वो है गरीब  किसान

परिवार , किसान को जीने मरने की भी चिंता नही है ,विचारा  बेसुध होकर कोदू के बैल की तरह जुता है देश का पेट भरने में | इसके साथ ही न जाने कितने कर्ज लिए है फसल की लागत लगाने के लिए |

हिंसा किसानो की समस्या का समाधान नही है

कुछ सरकार से किसान कार्ड से लिए है और कुछ बनियों से , पर प्रकृति की मार झेल रहे किसान को , बाजार की मार भी झेलनी पढ़ रही है| आज किसान अपनी फसल के उचित दाम नही पा रहा है , उसके दाम न्यूनतम होते है |

किसान के अन्न का दाम बिना किसी लागत के मूल्यांकन के बिना तय कर दिए जाते है , किसान का अपने उत्पाद की कीमत पर कोई नियंत्रण नही है | और सरकार भी आजादी के बाद कोई ढोस कदम नही उठा पा रही है , इसी का परिणाम है की किसानो के अन्दर का सैलाब ,जन असंतोष बाहर निकल कर सामने आ रहा है |

हाल ही में मध्य प्रदेश में किसान आन्दोलन के दौरान पुलिस द्वारा फायरिंग में 6 किसानो की मौत हो गयी और कई घायल हो गये , जिससे किसानो का गुस्सा और बढ़ गया और उन्होंने बसे , पुलिस की गाड़िया यहाँ तक की दमकल तक को आग के हवाले कर दिया और क्यों न करें एक तो किसान वैसे ही मर रहा है , तंगहाली , कर्जदारी से परेसान हो किसान धीरे धीरे खेती किसानी छोड़ रहा है ऊपर से सरकार भी गोलिया चलवा रही है |

आज किसानो की हालत बड़ी सोचनीय है दयनीय है | हालात ख़राब है किसानो के

हिंसा किसानो की समस्या का समाधान नही है

पर फिर भी किसानो को अपना आत्मबल नही खोना चाहिए , उन्हें अपना धैर्य बनाकर शांति पूर्वक अपना आन्दोलन चालू  रखना चाहिए | सरकारी सम्पति को नुकसान न पहुचाये इस से आम जानो को भी कठिनाई और परेशानी होती है , किसान किसी का बुरा नही कर सकता | किसान दुनिया में सबसे ज्यादा आशावादी होता है , उसे निरास होकर कोई गलत कदम नही उठाने चाहिए |

मध्य प्रदेश के  मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी आश्वासन दिया है मध्य प्रदेश के किसानो की मांगे पूरी करने का , एक आखिरी वार उन्हें मौका जरुर देना चाहिए|

हिंसा किसी भी किसान की समस्या का समाधान नही है , किसान अपनी बात शांति पूर्वक तरीके से आन्दोलन कर के भी रख सकती है |

सरकार आपके असंतोष को भांप चुकी है , कोई भी राजनेता , सरकार आज के समय में किसान के खिलाफ कदम नही उठा सकती ,क्यूकी देश की आवादी का 65 – 70 प्रतिशत प्रतिनिधित्व किसान ही करते है |

देश की , प्रदेस की सरकार को अब व्यापारियों , कॉर्पोरटरों के पल्लुओ से बाहर निकल कर देश के गरीब पर महनती किसानो के हितों के बारे में सोचना चाहिए , उनके बच्चो की शिक्षा के बारे में सोचना चाहिए गॉवों के स्कूलों की दुर्दशा के बारे में सोचना चाहिए |

इस बात पर ह्रदय से विचार करना चाहिए कि क्यों दूसरों का पेट भरने वाला अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेता है | इस देश का नेता जब तक देश की जनता की भावनाओ , परिस्थितियों , दुःख – दर्द  के प्रति संवेदनशील नही होंगे तब तक भारत भारत नही बनेगा |

भारत को किसानो , विद्वानों  , समाजसेवियों,संतो -महात्मायों  और वीरों ने सोने की चिड़िया और विश्व गुरु बनाया था न की आज के जैसे  राजनीती के दलालों ने ,

भ्रष्ट नेताओ ने | देश के नेतृत्व को आत्म सुद्धि की आवश्यकता है , देश हित में कार्य करें , अपनी बेहिसाब संपत्ति बनाने से बाहर आकर आम जन के बारें में सोचने की आवस्यकता  है | देश में रोजगार के अवसर पैदा करने  की आवस्यकता है |

और किसान भाइयों से अनुरोध है कि शांति पूर्वक विरोध प्रदर्शन करें , सरकारी संपत्ति को नुकसान में आपका अपना नुकसान ही है |

जय जवान ,जय किसान , जय विज्ञान

 

 

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