GST लागू होने के बाद हमारी रोजमर्रा की जरूरतें आज से कितनी सस्ती-महंगी?

नई दिल्ली. देशभर में 1 जुलाई से गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) लागू हो चुका है। इसमें खाने-पीने के ज्यादातर सामान सस्ते होंगे। फल, सब्जियां, दालें, गेहूं, चावल आदि पहले की तरह टैक्स फ्री रहेंगे। हालांकि चिप्स, बिस्किट, मक्खन, चाय और कॉफी जैसे प्रोडक्ट्स पर 10% तक ज्यादा टैक्स देना होगा। खाद्य तेल पर टैक्स 7% कम लगेगा। घर बनाने के सामान सीमेंट, प्लाईबोर्ड, टाइल्स पर 8.75% तक ज्यादा टैक्स लगेगा, लेकिन बाकी चीजों पर घटेगा। बता दें कि GST को लेकर भास्कर आपका नॉलेज सोर्स बना हुआ है।
आखिर क्या है GST?

 

– GST का मतलब गुड्स एंड सर्विसेस टैक्‍स है। इसको केंद्र और राज्‍यों के 17 से ज्‍यादा इनडायरेक्‍ट टैक्‍स और 23 तरह के सेस के बदले में लागू किया जाएगा। ये ऐसा टैक्‍स है, जो देशभर में किसी भी गुड्स या सर्विसेस की मैन्‍युफैक्‍चरिंग, बिक्री और इस्‍तेमाल पर लागू होगा।
– इससे एक्‍साइज ड्यूटी, सेंट्रल सेल्स टैक्स (सीएसटी), स्टेट के सेल्स टैक्स यानी वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, स्टैम्प ड्यूटी, टेलिकॉम लाइसेंस फीस, टर्नओवर टैक्स, बिजली के इस्तेमाल या बिक्री और गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन पर लगने वाले टैक्स खत्म हो जाएंगे।
– यह वन नेशन, वन टैक्स के कॉन्सेप्ट पर काम करेगा।

GST अभी कहां लागू नहीं हाेगा?
अभी जम्मू-कश्मीर को छोड़कर सभी राज्य स्टेट जीएसटी कानून पारित कर चुके हैं। एेसे में, जम्मू-कश्मीर को छोड़ पूरे देश में यह लागू हो जाएगा।
यूपीए ने 2006-07 के बजट में पहली बार किया था जिक्र
जीएसटी का विचार करीब 30 साल पुराना है। हालांकि, इसका जिक्र सबसे पहले 2003 में केलकर टास्क फोर्स की रिपोर्ट में हुआ था। 2006-07 के बजट में पहली बार यूपीए सरकार ने जीएसटी का प्रस्ताव शामिल किया था। 1 अप्रैल, 2010 से देशभर में जीएसटी लागू करने की बात कही गई थी। 2011 में प्रणब मुखर्जी ने वित्त मंत्री रहते हुए इसे संसद में पेश किया था।
तंबाकू प्रोडक्ट पर 28% टैक्स के साथ-साथ 290% तक सेस भी लगेगा
– कच्चा तेल, पेट्रोल, डीजल, एटीएफ, प्राकृतिक गैस और शराब को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।
– सीमेंट, प्लाई, टाइल्स पर टैक्स बढ़ेगा। लेकिन घर बनाने के बाकी ज्यादातर सामान सस्ते होंगे।
– गुटखा पर 204% सेस, पान मसाले पर 60% जबकि तंबाकू के लिए यह दर 71-204% तक है। 28% जीएसटी अलग।
– सिगार और पाइप में भरे जाने वाले तंबाकू मिक्स पर 28% जीएसटी के अलावा 290% सेस।
5 प्वाइंट में समझिए जीएसटी में क्या बदला?
पहले: 17 टैक्स, 23 सेस, टैक्स पर टैक्स
अब: 1 जीएसटी, टैक्स पर टैक्स खत्म
पहले: हर टैक्स का अलग रिटर्न
अब: बस एक टैक्स का रिटर्न
पहले: हर टैक्स का अलग विभाग
अब: सिर्फ एक टैक्स का विभाग
पहले: राज्यों के 1,150 चुंगी बैरियर
अब: सभी बैरियर खत्म
– आज से 19 फीसदी आइटम 28% टैक्स स्लैब में, 81 फीसदी सामान 18% और इससे नीचे के स्लैब में। सोने पर 3% टैक्स।

जीएसटी के शुभारंभ को देश की क़िस्मत को बदलने वाली घटना बताई जा रही है. कहा जा रहा है कि आधुनिक भारत के इतिहासकार देश के इतिहास को दो भागों में बाटेंगे – जीएसटी से पहले का स्वतंत्र भारत और जीएसटी के लागू करने के बाद का भारत.

उन्होंने बताया कि जीएसटी लागू हुए भारत में अब चुंगियों के सामने ट्रकों की लम्बी क़तारें नहीं होंगीं, टैक्स के ऊपर टैक्स नहीं लगेगा. एक वस्तु का दाम अलग-अलग राज्य में अलग-अलग नहीं होगा. इसका दाम देश भर में एक होगा.

वित्त मंत्री ने हमें बताया कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि होगी और टैक्स का जाल फैलेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इससे भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी और पारदर्शिता बढ़ेगी.

हर विशेषज्ञ के पास अलग-अलग राय है. हर नेता की समझ अलग है. लेकिन जीएसटी क्या है, इससे फायदा क्या होगा, ये अधिकतर व्यापारियों और ग्राहकों की समझ से बाहर नज़र आता है.

कुछ ने कहा जीएसटी पुराने वैल्यू एडेड टैक्स की तरह है. अधिकतर लोगों का फोकस था 28 प्रतिशत टैक्स जो उन्हें मंज़ूर नहीं था. कई ज़रूरी वस्तुओं पर ज़ीरो टैक्स को सभी नज़रअंदाज़ कर रहे थे.

कुछ ने ये भी कहा कि जीएसटी भी नोटबंदी की तरह है. एक दुकानदार ने कहा, “जब नोटबंदी लागू हुआ तो किसी को नहीं मालूम था आगे क्या होगा. अब जीएसटी लागू हो रहा है. किसी को नहीं मालूम आगे क्या होगा”.

जिन लोगों को जीएसटी की जानकारी थी वो भी कह रहे थे कि आगे यानी 1 जुलाई के बाद क्या होगा ये कहना कठिन है. इसका विरोध भी हो रहा है. मगर वित्त मंत्री कहते हैं शुरू के चंद महीनों में कुछ कठिनाइयां हो सकती हैं लेकिन जीएसटी को वापस नहीं लिया जा सकता है.

  1. जीएसटी काउंसिल ने 1200 से ज़्यादा वस्तुओं-सेवाओं के लिए टैक्स दरें तय की हैं.
  2. अलग-अलग टैक्स श्रेणियां बनाई गई हैं जो 5 से 28 फ़ीसदी के बीच हैं.
  3. इनमें से 81 फ़ीसदी चीज़ें 18 फ़ीसदी टैक्स दर के नीचे आएंगी.
  4. खाने की बुनियादी चीज़ें, मसलन दूध, नमक और अनाज वगैरह को ज़ीरो टैक्स कैटेगरी में रखा गया है.

ज़ीरो फ़ीसदी (जिन पर नहीं लगेगा टैक्स)

  • ताज़ा दूध
  • खुला खाद्य अनाज
  • ताज़ा फल
  • ताज़ी सब्ज़ियां
  • नमक
  • गुड़
  • अंडे
  • खुला पनीर
  • चावल, पापड़, रोटी
  • जानवरों का चारा
  • कंडोम
  • गर्भनिरोधक दवाएं
  • किताबें
  • जलावन की लकड़ी
  • चूड़ियां (ग़ैर कीमती)
  • फूल भरी झाड़ू

इन पर लगेगा 5फ़ीसदी टैक्स

  • चाय, कॉफ़ी
  • खाने का तेल
  • ब्रांडेड अनाज
  • सोयाबीन, सूरजमुखी के बीज
  • ब्रांडेड पनीर
  • कोयला (400 रुपये प्रति टन लेवी के साथ)
  • केरोसीन
  • घरेलू उपभोग के लिए एलपीजी
  • काजू-किशमिश
  • 500 रुपए तक क़ीमत के जूते
  • 1000 रुपए क़ीमत तक के कपड़े
  • ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट
  • ज्योमेट्री बॉक्स
  • कृत्रिम किडनी
  • हैंड पंप
  • लोहा, स्टील, लोहे की मिश्रधातुएं
  • तांबे के बर्तन
  • अगरबत्ती

इन पर लगेगा 12फ़ीसदी टैक्स

  • ड्राई फ्रूट्स
  • घी, मक्खन
  • नमकीन
  • मांस-मछली
  • दूध से बने ड्रिंक्स
  • फ़्रोज़ेन मीट
  • बायो गैस
  • मोमबत्ती
  • एनेस्थेटिक्स
  • अगरबत्ती
  • दंत मंजन पाउडर
  • चश्मे के लेंस
  • बच्चों की ड्रॉइंग बुक
  • कैलेंडर्स
  • एलपीजी स्टोव
  • नट, बोल्ट, पेंच
  • ट्रैक्टर
  • साइकल
  • एलईडी लाइट
  • खेल का सामान
  • आर्ट वर्क
  • मोबाइल फ़ोन

इन पर लगेगा 18फ़ीसदी टैक्स

  • रिफाइंड शुगर
  • कंडेंस्ड मिल्क
  • प्रिजर्व्ड सब्ज़ियां
  • बालों का तेल
  • साबुन
  • हेलमेट
  • नोटबुक
  • जैम, जेली
  • सॉस, सूप, आइसक्रीम, इंस्टैंट फूड मिक्सेस
  • मिनरल वॉटर
  • पेट्रोलियम जेली, पेट्रोलियम कोक
  • टॉयलेट पेपर
  • प्रिंटर
  • कंप्यूटर

इन पर लगेगा 28फ़ीसदी टैक्स

  • मोटर कार
  • मोटर साइकल
  • चॉकलेट, कोकोआ बटर, फैट्स, ऑयल
  • पान मसाला
  • फ़्रिज़
  • परफ़्यूम, डियोड्रेंट
  • मेकअप का सामान
  • वॉल पुट्टी
  • दीवार के पेंट
  • टूथपेस्ट
  • शेविंग क्रीम
  • आफ़्टर शेव
  • लिक्विड सोप
  • प्लास्टिक प्रोडक्ट
  • रबर टायर
  • चमड़े के बैग
  • मार्बल, ग्रेनाइट, प्लास्टर, माइका
  • टेम्पर्ड ग्लास
  • रेज़र
  • डिश वॉशिंग मशीन
  • मैनिक्योर, पैडिक्योर सेट
  • पियानो
  • रिवॉल्वर

गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स -GST India 1 July 2017

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